कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ राजद्रोह की दर्ज शिकायत के मामले में सांसदों और विधायकों के मामलों के लिए विशेष अदालत में सुनवाई की गई. इस दौरान कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को मामले में यदि कोई एफआईआर दर्ज की गई है तो उसकी एक्शन रिपोर्ट देने का आदेश दिया है. साथ ही कोर्ट ने शिकायतकर्ता से भी शिकायत को लेकर सबूत की प्रमाणिकता पूछी है.
कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से राहुल गांधी के खिलाफ राजद्रोह मामले में शिकायत पर कार्रवाई की रिपोर्ट फाइल (यदि मामले में कोई एफआईआर दर्ज की गई हो तो) करने का आदेश दिया है. आरोप है कि 2016 में जंतर-मंतर पर दिए गए भाषण में राहुल गांधी ने कहा था कि पीएम जवानों के खून की दलाली के पीछे छुपे हैं.
Delhi Court seeks action taken report from Police on complaint seeking directions for FIR u/s 124A(Sedition charges) against Rahul Gandhi for derogatory remark against PM&for accusing him of 'hiding behind blood of soldiers&doing dalali on their sacrifice'.Matter fixed for May 15 pic.twitter.com/TBSRFjMjd0
— ANI (@ANI) April 26, 2019
सांसदों और विधायकों के मामलों की विशेष अदालत ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्या राजद्रोह मामले में राहुल गांधी के खिलाफ शिकायत पर कोई कार्रवाई की गई?
जस्टिस समर विशाल ने शिकायतकर्ता से पूछा कि राहुल गांधी का यह कथित बयान कहां है? क्या किसी अखबार ने इसे लेकर कोई सूचना प्रकाशित की? आपको इस बयान के बारे में कैसे पता चला?
इसके जवाब में याचिकाकर्ता ने बताया कि यह समाचार पत्रों में है और दिल्ली पुलिस के पास वीडियो रिकॉर्डिंग है. लेकिन वीडियो तक हमारी पहुंच नहीं है.
कोर्ट ने शिकायतकर्ता से सवाल किया कि आपको ये पंक्तियां कहां से मिलीं जिस बारे में आप शिकायत दर्ज कर रहे हैं? साथ ही कोर्ट ने कहा कि ये 2016 का भाषण है और आप 2019 में आ रहे हैं.
जवाब में शिकायतकर्ता ने कहा कि यह एक आपराधिक शिकायत है और ऐसे में शिकायत करने की कोई सीमा तय नहीं है. हमने अक्टूबर 2016 में पुलिस में शिकायत दर्ज की थी.