जेएनयू मामले की गूंज बुधवार को लोकसभा में भी सुनाई दी. बीजेपी के सांसद महेश गिरी ने लोकसभा में जेएनयू मामले पर कहा कि गलती माफ की जा सकती है, साजिश नहीं. महेश गिरी ने आरोप लगाया कि जेएनयू में देश विरोधी गतिविधियां चलती हैं. इसके बाद स्मृति ईरानी बोंली और विपक्ष पर काफी आक्रमक नजर आईं. गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि देशद्रोह के आरोपों को लेकर बहस नहीं होनी चाहिए और पुलिस को अपना काम करने देना चाहिए. राजनाथ सिंह ने भरोसा दिलाया कि कोई दोषी बख्शा नहीं जाएगा और कोई भी बेगुनाह परेशान नहीं किया जाएगा.
स्मृति ईरानी ने दिया करारा जवाब
एचआरडी मिनिस्टर स्मृति ईरानी ने लोकसभा में कहा कि कुछ लोग हम पर आरोप लगाते हैं ये संघियों की सरकार है, मॉइनॉरिटी किनारे हैं. उन्होंने कहा कि कश्मीर से एक मुस्लिम लड़के ने मुझे पत्र लिखा कि मुझे फेलोशिप नहीं मिल रही. जैसे मुझे ये पता चला वैसे मैंने उसके लिए पैसे रिलीज करवाए. उन्होंने कहा कि जब बच्चों का एडमिशन होता है तो मैं पत्र लिखकर देती हूं और आप आज कह रहे हैं कि मैं पत्र का जवाब सिर्फ अपने मंत्रियां का देती हूं.
शिक्षा के भगवाकरण के आरोप गलत
स्मृति ईरानी ने कहा कि किसी भी यूनिवर्सिटी का वीसी अगर कह दे कि मैंने शिक्षा का भगवाकरण किया है तो मैं राजनीति छोड़ दूंगी. स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि ये आरोप गलत है कि वीसी की नियुक्ति सरकार अपने लोगों में से कर रही है और उनके जरिए अपना एजेंडा लागू करने की कोशिश की जा रही है. स्मृति ईरानी ने कहा कि आज भी कम से कम 16 सेंट्रल यूनिवर्सिटीज में वीसी कांग्रेस के समय के नियुक्त हैं.
जेएनयू मामले पर रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई
जेएनयू मामले पर विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए स्मृति ईरानी ने कहा कि उमर खालिद ने जेएनयू में प्रोग्राम कराया. इस प्रोग्राम में देश विरोधी नारे लगाए गए. स्मृति ईरानी ने कहा कि यूनिवर्सिटी की जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर छात्रों की गतिविधियों पर रोक लगाई गई. स्मृति ईरानी प्रोग्राम के पोस्टर का जिक्र करते हुए कहा कि पोस्टरों पर ऐसी नारेबाजी जो देश के खिलाफ हो उसे कैसे बर्दाश्त किया जा सकता है.
अभिव्यक्ति की ऐसी आजादी?
स्मृति ईरानी ने विश्विद्यालय के कामकाज में हस्तक्षेप के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि यूनिवर्सिटी की फैकल्टी ने देश विरोधी नारेबाजी करने वाले छात्रों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की. इन छात्रों ने अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर देशविरोधी नारे लगाए. संसद पर हमला करने वाले अफजल के समर्थन में नारे लगाए. स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि क्या राहुल गांधी अभिव्यक्ति की ऐसी आजादी के समर्थन में खड़े होंगे?
बच्चे क्या सीख रहे हैं?
जेएनयू मामले पर स्मृति ईरानी ने कहा कि पोस्टर पर कन्हैया कुमार और अन्य छात्र नेताओं के नाम हैं. ईरानी ने कहा कि हमारे बच्चे क्या सीख रहे हैं. ये बड़े दुख की बात है कि यूनिवर्सिटी कैंपस में महिषासुर जयंती के कार्यक्रम मनाए जाते हैं.
एडमिशन के लिए भी लिखी चिट्ठी
स्मृति ईरानी ने कहा कि कुछ सांसद आज आरोप लगा रहे हैं कि मैं पत्रों का जवाब नहीं देती. भावुक होतीं हुई स्मृति ईरानी ने कहा कि जब मैं आपके बच्चों के एडमिशन के लिए चिट्ठी लिखती हूं तब तो आप इस तरह के आरोप नहीं लगाते.
सिंधिया ने किया आज तक के स्टिंग का जिक्र
इससे पहले कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पटियाला हाउस कोर्ट में हुई मारपीट को लेकर किए गए आजतक के स्टिंग ऑपरेशन का जिक्र किया. ऑपरेशन पटियाला हाउस के नाम से किए गए स्टिंग में आरोपी वकीलों ने इस बात को कबूला था कि उन्होंने पुलिस की मौजूदगी में कन्हैया कुमार की पिटाई की थी और पत्रकारों की पिटाई भी उन्होंने ही कराई थी. सिंधिया ने कहा कि सिर्फ नारे लगाना देशद्रोह नहीं, अलग विचारधारा वालों की आवाज दबाने की कोशिश हो रही है.
BJP ने पूछा- कांग्रेस देशद्रोहियों के साथ या खिलाफ
बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने सिंधिया पर जवाबी हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस नेता देशद्रोहियों का साथ देने के लिए जेएनयू तो पहुंचे लेकिन पंपोर मुठभेड़ में शहीद हुए कैप्टन पवन के घर नहीं गए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता सफाई दें कि वो संसद पर हमला करने वालों के साथ हैं, या संसद को बचाने वालों के साथ हैं.
सोनिया गांधी से मांगा जवाब
अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी पूछा कि अफजल गुरु आतंकवादी था या नहीं? उन्होंने सोनिया से पूछा कि राहुल गांधी जेएनयू क्यों गए थे और देश विरोधी नारे लगाने वालों के साथ क्यों खड़े थे? बीजेपी सांसद ने कहा कि कांग्रेस के लिए 'फैमिली फस्ट, पार्टी नेक्सट, नेशन लास्ट' है. उन्होंने कहा कि देश के टुकड़े नहीं होने देंगे.
राज्यसभा में भी जमकर हंगामा
राज्यसभा में बसपा सुप्रीमो मायावती और स्मृति ईरानी के बीच रोहित वेमुला के मुद्दे पर तीखी बहस हुई. बसपा प्रमुख ने रोहित सुसाइड मामले में बनाई गई जांच कमेटी में किसी दलित के न होने पर सवाल उठाया और कहा कि अगर सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौजूद होते तो उनकी बात जरूर सुनी जाती. बसपा प्रमुख ने कहा कि जबतक सरकार जवाब नहीं दे देती वो सदन नहीं चलने देंगी. हंगामे के बीच मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि विपक्ष 'एक मरे हुए बच्चे' को 'राजनीतिक हथियार और रणनीति' के रूप में इस्तेमाल कर रहा है. उन्होंने विपक्ष को तुरंत बहस करने का न्यौता दिया और कहा कि वो सभी सवालों का जवाब देने को तैयार हैं.
मायावती ने कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी अगर यहां होते तो मेरी बात जरूर सुनते आप लोग क्यों नहीं सुनते हैं.' सवालों पर स्मृति ईरानी ने जवाब में कहा कि कमेटी में एक दलित सदस्य शामिल हैं, मायावती उन्हें नजरअंदाज क्यों कर रही हैं.
येचुरी ने दी नसीहत
सीताराम येचुरी ने स्मृति ईरानी समेत सदन में मौजूद मंत्रियों को सलाह देते हुए कहा कि वे मंत्री की तरह व्यवहार करें, भीड़ भड़काऊ नेता की तरह न दिखें.
Behenji you must hear the Govt's version and your concerns will also be addressed-Arun Jaitley in RS to Mayawati pic.twitter.com/Qfyn66Woqy
— ANI (@ANI_news) February 24, 2016
बसपा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि स्मृति ईरानी सदन को गुमराह कर रही हैं. नारेबाजी और हंगामे की वजह से सदन को 2:27 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया. बाद में कार्रवाई के दौरान हंगामा बढ़ा को इसे साढ़े तीन बजे तक के लिए स्थगित किया गया.
मायावती ने लगाया आरोप
इसके पहले मायावती ने देश के मौजूदा हालात पर राज्यसभा में केंद्र सरकार को निशाने पर लिया. उन्होंने रोहित वेमुला और जेएनयू का मुद्दा उठाया और कहा कि पूरे देश में दलित छात्रों का उत्पीड़न और शोषण हो रहा है.
Uproar in Rajya Sabha as Mayawati raises issue of Dalit students, said "Dalit students are targeted"
— ANI (@ANI_news) February 24, 2016
स्मृति ईरानी बोलीं- ...तो चरणों में चढ़ा दूंगी सिर
बसपा प्रमुख मायावती ने रोहित वेमुला केस की जांच के लिए बनी कमेटी में कम से कम एक दलित सदस्य रखने की मांग करती रहीं और केंद्र सरकार से इस मामले में नाम आए मंत्रियों को हटाने की मांग की. इसके बाद मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी बोलने के लिए खड़ी हुई जिसका विपक्षी सदस्यों ने विरोध किया. इसपर स्मृति ईरानी ने मायावती से कहा कि मेरा बयान सुन लीजिए. अगर इससे आप संतुष्ट नहीं हुईं तो आपके चरणों में अपना सिर काट कर चढ़ा दूंगी. बावजूद इसके मायावती ने कहा, आप कमेटी में किसी दलित को रखेंगी या नहीं, ये बता दीजिए.
उन्होंने सरकार के लचर रवैये पर भी नाराजगी जताई. मायावती अपने निर्धारित समय से ज्यादा बोलती रहीं, सभापति के कहने के बावजूद भी वह रुकी नहीं. इसी दौरान बीएसपी सांसदों ने केंद्र सरकार और आरएसएस के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी. मायावती ने केंद्र सरकार से रोहित वेमुला मामले में जवाब मांगा. हंगामा बढ़ा तो राज्यसभा की कार्रवाई 10 मिनट के लिए स्थगित हुई बाद में कार्रवाई को 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया. एक बार फिर कार्रवाई शुरू गुई तो हंगामा तेज हो गया, जिसके बाद कार्रवाई को 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया.
केंद्र सरकार और विपक्ष जेएनयू विवाद को लेकर बुधवार को राज्यसभा में बजट सत्र के दौरान पहली बार आमने-सामने हैं.
सूत्रों के मुताबिक, सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्यों की मांगों के बाद कार्यमंत्रणा समिति की एक बैठक में मंगलवार को यह फैसला लिया गया कि मुद्दे पर चर्चा की जाएगी. बीजेपी सांसद भूपेंद्र यादव ने जेएनयू विवाद और साथ ही डेविड हेडली की पेशी पर चर्चा के लिए नोटिस दिया है. डेविड हेडली ने अपनी गवाही में कहा था कि इशरत जहां एक आतंकी थी. बीजेपी सांसद विजय गोयल ने भी चर्चा के लिए नोटिस दिया है.
बीजेपी अपना सकती है आक्रामक रुख
जेएनयू विवाद पर बीजेपी आक्रामक रुख अपना सकती है और इसे देशभक्तों और राष्ट्र विरोधियों के बीच की लड़ाई के तौर पर पेश कर सकती है. विपक्षी कांग्रेस जेएनयू विवाद को अभिव्यक्ति और विचारों की आजादी के बड़े मुद्दे से जोड़ रही है.
बहस में किसका फायदा?
जहां विपक्ष सरकार को घेरने के लिए एकजुट हो गया है वहीं बीजेपी के एक नेता के मुताबिक, पार्टी को लगता है कि बहस को ‘देशभक्तों और राष्ट्रविरोधियों’ के बीच की बहस बताने से उसे फायदा होगा.