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रक्षा सौदा घोटाला: कोर्ट ने लगाई केंद्र को फटकार

सुप्रीम कोर्ट ने 1999 में कारगिल संघर्ष के दौरान रक्षा उपकरणों की खरीदारी में करोड़ों रुपयों के घोटाले में कथित रूप से संलग्न अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने पर केन्द्र को फटकार लगाते हुए आज बड़ी रूखाई से कहा कि ‘इस तरह नहीं चलेगा.’

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सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने 1999 में कारगिल संघर्ष के दौरान रक्षा उपकरणों की खरीदारी में करोड़ों रुपयों के घोटाले में कथित रूप से संलग्न अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने पर केन्द्र को फटकार लगाते हुए बड़ी रूखाई से कहा कि ‘इस तरह नहीं चलेगा.’

न्यायमूर्ति आफताब आलम की अध्यक्षता वाली पीठ ने सरकार से कहा, ‘मामले में हम आपके साथ कठोर नहीं होना चाहते. हम उदारता दिखा रहे हैं, लेकिन इस तरह नहीं चलेगा.’ पीठ ने यह टिप्पणी उस समय की जब अदालत की मदद के लिए नियुक्त वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी ने इंगित किया कि घोटाला के भंडाफोड़ होने के बाद पिछले 12 साल के दौरान सरकार ने किसी के भी खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की.

अदालत ने कहा, ‘हम (केन्द्र की कार्रवाई से) जरा भी खुश नहीं हैं.’ द्विवेदी ने कहा कि इस मामले में कार्रवाई करने में सरकार की तरफ से राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी है.

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नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने अपनी रिपोर्ट में रेखांकित किया है कि 2000 करोड़ रुपये के करीब की रक्षा उपकरणों की खरीदारी में अनेक चूक और गड़बड़ियां हैं.

अदालत ने मामले की संक्षिप्त सुनवाई करने के बाद इसे 28 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दिया. अदालत कारगिल में ‘ऑपरेशन विजय’ के लिए रक्षा खरीदारियों से जुड़े कथित घोटाले पर एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी.

इससे पहले द्विवेदी ने सीएजी की रिपोर्ट का जिक्र किया जिसमें कहा गया है कि 2,163 करोड़ रुपये मूल्य की आपूर्तियों का तकरीबन 75 प्रतिशत संघर्ष के खत्म होने के बहुत बाद प्राप्त किया गया और इसलिए इससे अभियान में किसी तरह से मदद नहीं मिली.

अदालत ने इससे पहले चिंता जताई थी कि अगर सरकारी विभाग सीएजी की रिपोर्टों को दबाए रखे और अभियोजन के लिए मंजूरी देने से इनकार करते रहे तो देश में ‘अराजक स्थिति’ उत्पन्न हो जाएगी.

उल्लेखनीय है कि सीएजी ने रक्षा खरीदारियों में कमियों और गड़बड़ियों के 35 मामले पाए. लेकिन रक्षा विभाग ने यह दावा करते हुए अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन की इजाजत देने से इनकार कर दिया कि 28 मामलों में कोई दमखम नहीं है.

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