scorecardresearch
 

रेपो रेट व रिवर्स रेपो रेट 0.25 फीसदी बढ़ा, बैंक 80% से ज्‍यादा लोन न दें

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने मंगलवार को क्रेडिट पॉलिसी का ऐलान करते हुए रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में बदलाव किया है, जबकि सीआरआर में कोई बदलाव नहीं किया है.

Advertisement
X

मुद्रास्फीति पर अंकुश लगाने के लिए रिजर्व बैंक ने वाणिज्यक बैंकों के साथ धन के अपने अल्पकालिक लेन-देन पर ब्याज दरों में आज 0.25-0.25 अंक की वृद्धि की घोषणा की.

केन्द्रीय बैंक का यह निर्णय तत्काल प्रभावी हो गया है और इसके चलते बैंक भी अपने रिणों पर ब्याज की दरें बढ़ा सकते हैं.

रिजर्व बैंक के इस कदम के बाद बैंकों के लिए उसकी अल्पकालिक नकदी पर ब्याज दर (रेपो) छह प्रतिशत से बढ़कर 6.25 प्रतिशत और बैंकों से रिजर्व बैंक द्वारा ली जाने वाले अल्पकालिक उधार पर ब्याज दर (रिवर्स रेपो) 5.25 प्रतिशत हो गयी है.

रिजर्व बैंक ने बैंकों की राशि पर अपने सांविधिक नियंत्रण का अनुपात (सीआरआर) 6.0 प्रतिशत के स्तर पर बनाये रखा है.

रिजर्व बैंक ने अपनी मौद्रिक एवं रिण नीति की दूसरी तिमाही की समीक्षा में इन कदमों की घोषणा करते हुये कहा, ‘नीतिगत दरों में यह परिवर्तन तत्काल प्रभाव से लागू हो जाएंगे.’ रिजर्व बैंक फरवरी के बाद लगातार छह बार अपनी अल्पकालिक नीतिगत ब्याज दरें बढ़ा चुका है. ब्याज दरों में आज की घोषणा के बाद बैंक ने कहा कि ब्याज दरों में तत्काल और परिवर्तन करने की संभावना अपेक्षाकृत कम है. इसका अर्थ लगाया जा रहा है कि रिजर्व बैंक द्वारा पहले उठाये गये मुद्रास्फीति निवारक कदमों का सकारात्मक परिणाम दिखने लगा है.

Advertisement

मुद्रास्फीति पर अंकुश लगाने के प्रयासों के तहत रिजर्व बैंक अब तक रेपो में 1.25 अंक और रिवर्स रेपो में 1.75 अंक की बढ़ोतरी कर चुका है. इसी दौरान सीआरआर में भी दो किस्तों में एक अंक की वृद्धि हो चुकी है.

अर्थव्यवस्था की रफ्तार से केंद्रीय बैंक संतुष्ट है और उसने इसी आधार पर चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद में 8.5 प्रतिशत की वृद्धि दर के अपने अनुमान को बरकरार रखा है.

रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के अंत तक मुद्रास्फीति के अपने लक्ष्य को बरकरार रखा है. आरबीआई ने कहा है कि नई श्रृंखला (2003-04 के कीमत स्तर) के आधार पर चालू वित्त वर्ष के अंत तक थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति घट कर 5.5 फीसद तक आ सकती है. यह पुरानी श्रृंखला (आधार 1993-94) पर आधारित मुद्रास्फीति के 6.0 प्रतिशत के स्तर के बराबर है.{mospagebreak}

रिजर्व बैंक ने कहा कि मौद्रिक नीति का लक्ष्य महंगाई की दर को 4 से 4.5 प्रतिशत के दायरे में लाना है. मध्यमवधि में मुद्रास्फीति को तीन प्रतिशत पर लाने का लक्ष्य है.

अगस्त माह में थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई की दर 8.6 प्रतिशत पर थी, जबकि 16 अक्तूबर को समाप्त सप्ताह में खाद्य मुद्रास्फीति 13.75 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गई.

Advertisement

कंेद्रीय बैंक ने कहा कि मौद्रिक नीति का रुख महंगाई पर लगाम लगाने, मुद्रास्फीतिक संभावनाओं पर रोक तथा ब्याज दरें मूल्य, उत्पादन तथा वित्तीय स्थिरता के अनुरूप रखने वाला है.

रिजर्व बैंक ने कहा कि उसे उम्मीद है कि नीतिगत दरों में वर्तमान वृद्धि से हाल में महंगाई पर अंकुश के लिए किए गए मुद्रास्फीति रोधक कदमों को बरकरार रखने में मदद मिलेगी.

कंेद्रीय बैंक ने हालांकि इस बात पर जोर दिया है कि वह वृद्धि के रास्ते में बाधा नहीं बनना चाहता. रिजर्व बैंक ने कहा कि उसका उद्देश्य नकदी का प्रबंधन कुछ इस तरह से करना है कि यह व्यापक रूप से संतुलन में रहे. न तो बहुत ज्यादा नकदी की स्थिति हो, और धन के प्रवाह को रोक कर घाटे की स्थिति बने.

पिछले साल कुछ माह तक नकारात्मक रहने के बाद मुद्रास्फीति लगातार बढ़ी है और इस वजह से महंगाई पर अंकुश केंद्रीय बैंक की मुख्य चिंता है. नीतिगत दरों में वृद्धि का मकसद महंगाई पर अंकुश लगाना, खासकर खानेपीने की वस्तुओं की कीमतों पर काबू पाना है.

देश में विदेशी संस्थागत निवेशकों के बढ़ते पूंजी प्रवाह पर केंद्रीय बैंक ने कहा कि यदि इससे उतार-चढ़ाव की स्थिति बनती है, तो वह विदेशी विनिमय बाजार में हस्तक्षेप कर सकता है. इस साल शेयर बाजारांे में विदेशी संस्थागत निवेशकों का पूंजी प्रवाह 25 अरब डालर पर पहुंच गया है.

Advertisement

केंद्रीय बैंक ने कहा कि सितंबर के बाद से डालर की तुलना में रुपया छह प्रतिशत मजबूत हो चुका है. हालांकि, अन्य अंतरराष्ट्रीय मुद्राओं यूरो, पौंड और येन की तुलना में यह कमजोर हो रहा है.{mospagebreak}

नए बैंकिंग लाइसेंसों के बारे में रिजर्व बैंक ने कहा है कि इसके लिए दिशानिर्देश जनवरी, 2011 के अंत तक तैयार हो जाएंगे. कई बैंकों द्वारा आवास रिण पर ललचाने वाली ब्याज दरों की पेशकश के बारे में केंद्रीय बैंक ने कहा है कि इस तरह के वाणिज्यिक बैंकों को ऐसे कर्ज के लिए दो प्रतिशत का अतिरिक्त प्रावधान रखना होगा.

बैंकिंग नियामक ने कहा कि वह दिसंबर के अंत तक बचत दरों को विनियमन के लिए दिशानिर्देशों का मसौदा जारी करेगा.

Advertisement
Advertisement