राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उस समय बाल-बाल बच गये जब उनको ले जा रहे सरकारी हेलीकाप्टर में तकनीकी खराबी आ गयी हालांकि पायलट ने हेलीकाप्टर को आपातस्थिति में सुरक्षित उतार लिया.
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार इटली निर्मित आगस्ता हेलीकाप्टर में कम्पन और तेज आवाज शुरू हो जाने पर पायलट कैप्टन यू के शर्मा और सह पायलट राकेश शर्मा ने सुझबूझ दिखाते हुये बिना समय गंवाये हेलीकाप्टर को पिलानी से करीब दस किमी पहले चांदकोठी के निकट उतार लिया. हेलीकाप्टर में मुख्यमंत्री के साथ उनके निजी सचिव गौरव बजाज और निजी सुरक्षा अधिकारी रामनिवास सवार थे. हेलीकाप्टर में सवार सभी लोग पूरी तरह से सुरक्षित हैं.
गहलोत ने फोन पर कहा, ‘दोनों पायलटों ने सूझबूझ का परिचय देते हुये हेलीकाप्टर सुरक्षित उतार लिया.’ सूत्रों के अनुसार गहलोत सुबह जयपुर से अपने निजी सचिव और सुरक्षाधिकारी के साथ हेलीकाप्टर से चांदकोठी से करीब 70 किमी0 दूर चुरू के न्यागली में एक स्पोटर्स अकादमी और समूह सहायता के कार्यक्रम में भाग लेने के लिये रवाना हुए थे. लेकिन हेलीकाप्टर के रोक्टर की पिन ढीली हो जाने से आयी खराबी के बाद इसे आपात स्थिति में उतरना पड़ा. बाद में मुख्यमंत्री सड़क मार्ग से न्यांगली के लिये रवाना हो गये.
सूत्रों के अनुसार हेलीकाप्टर में आई खराबी का पता लगाने के लिये जांच दल मौके के लिये रवाना हो गया है. सूत्रों के अनुसार गहलोत तय समारोह में हिस्सा लेने के बाद सड़क मार्ग से हिसार पहुंचे और हिसार से राजस्थान सरकार के वायुयान से रवाना होकर शाम को जयपुर लौट आये. जानकार सूत्रों के अनुसार दुर्घटनाग्रस्त हेलीकाप्टर इटली की कंपनी आगस्ता का है और तत्कालीन वसुंधरा राजे सरकार ने खरीदा था.
सूत्रों के मुताबिक गहलोत वर्ष 1999-2000 में भी उस समय बाल-बाल बच गये थे जब उनके हेलीकाप्टर में तकनीकी खराबी आने के बाद पायलट ने पिलानी के नजदीक आपात स्थिति में उतारा था.