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सर्द मौसम में गर्माहट बढ़ाएगा तरनतारन का बहुकोणीय मुकाबला, उपचुनाव में सभी दल झोंकेंगे ताकत

तरनतारन विधानसभा सीट पर 11 नवंबर को होने वाले उपचुनाव में AAP, कांग्रेस, शिअद और बीजेपी के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा. यह सीट AAP विधायक कश्मीर सिंह सोहल के निधन के बाद खाली हुई है. चुनाव को 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले जनता का मूड जानने का सेमीफाइनल माना जा रहा है.

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पंजाब की तरनतारन सीट पर 11 नवंबर को उपचुनाव होना है. (PTI photo/ file)
पंजाब की तरनतारन सीट पर 11 नवंबर को उपचुनाव होना है. (PTI photo/ file)

पंजाब की तरनतारन विधानसभा सीट पर 11 नवंबर को होने वाले उपचुनाव को लेकर सियासी पारा चढ़ गया है. यह उपचुनाव AAP विधायक कश्मीर सिंह सोहल के निधन के बाद खाली हुई सीट के लिए हो रहा है. माना जा रहा है कि यह मुकाबला चार प्रमुख दलों- AAP, कांग्रेस, शिअद और बीजेपी के बीच कड़ा और बहुकोणीय रहने वाला है.

AAP का दांव- अकाली पृष्ठभूमि वाले हरमीत सिंह संधू

तरनतारन, जिसे पंजाब की हार्डकोर पंथक सीट माना जाता है, पर आम आदमी पार्टी ने दांव लगाया है पूर्व अकाली विधायक हरमीत सिंह संधू पर. मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पिछले हफ्ते तरनतारन दौरे के दौरान संधू को पार्टी प्रत्याशी घोषित किया.

संधू का इलाके में मजबूत जनाधार है. वे 2002 में निर्दलीय और फिर 2007 व 2012 में शिअद के टिकट पर विधायक रह चुके हैं. अकाली-बीजेपी सरकार में वे मुख्य संसदीय सचिव भी रहे. अब चुनौती यह है कि वे अपने पुराने अकाली वोट बैंक को AAP में कितना ट्रांसफर करा पाते हैं.

पिछले कुछ उपचुनावों में AAP ने लगातार चार में से तीन सीटें जीतीं, जिससे उसका मनोबल ऊंचा है. पार्टी इस चुनाव को 2027 विधानसभा चुनाव से पहले जनता का मूड जानने का सेमीफाइनल मान रही है. हालांकि, विरोधी लहर (anti-incumbency) और स्थानीय मुद्दों पर उठते सवालों से निपटना उसके लिए आसान नहीं होगा.

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अकाली दल का मिशन- खोया जनाधार वापस पाने की कोशिश

SAD, जिसने 2022 के चुनाव में इस सीट पर दूसरा स्थान हासिल किया था, इस बार सुखविंदर कौर को उम्मीदवार बनाकर मैदान में उतरी है. कौर हाल ही में अकाली दल में शामिल हुई हैं और इलाके में काफी सक्रिय रही हैं. पार्टी अध्यक्ष सुखबीर बादल इस उपचुनाव को संगठन की खोई हुई साख वापस लाने का मौका मान रहे हैं.

कांग्रेस का नया चेहरा, 2027 पर टिकी नजर

कांग्रेस ने अपने जिला उपाध्यक्ष करणबीर सिंह बुर्ज को उम्मीदवार बनाया है. पार्टी, जो 2022 में तीसरे स्थान पर रही थी, अब इस चुनाव को 2027 के लिए आधार तैयार करने का मौका मान रही है. बुर्ज को विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा का करीबी माना जाता है.

BJP की एंट्री- संगठन पर भरोसा

भाजपा ने इस सीट से हरजीत सिंह संधू, जिला इकाई प्रमुख, को टिकट दिया है. वे स्थानीय स्तर पर सक्रिय नेता हैं और पार्टी के संगठनात्मक ढांचे पर भरोसा जताते हुए मैदान में हैं. भाजपा का लक्ष्य पंथक इलाकों में अपनी धीरे-धीरे जड़ें मजबूत करने का है.

अमृतपाल सिंह की पार्टी का विवादित उम्मीदवार

इस बार अमृतपाल सिंह की पार्टी अकाली दल (वारिस पंजाब दे) भी मैदान में है. पार्टी ने मनदीप सिंह को उम्मीदवार बनाया है. वे संदीप सिंह उर्फ सनी के भाई हैं, जिन्होंने कुछ साल पहले शिवसेना नेता सुधीर सूरी की हत्या की थी और हाल ही में जेल में एक पूर्व पुलिस अधिकारी पर हमला किया था. पार्टी का दावा है कि तरनतारन जैसी पंथक सीटों पर वह 2024 में खडूर साहिब लोकसभा सीट से अमृतपाल सिंह की जीत के असर को दोहराएगी.

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राजनीतिक बयानबाज़ी तेज

पंजाब के मंत्री और AAP विधायक ललजीत सिंह भुल्लर ने कहा, 'AAP सरकार ने पंजाब में विकास और जनकल्याण के कई काम किए हैं. लोग हमें फिर से आशीर्वाद देंगे.' वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष राजा वडिंग ने पलटवार करते हुए कहा, सरकार पर भारी एंटी-इंकंबेंसी है. हम पूरी ताकत से चुनाव लड़ेंगे और वोट बैंक संभालकर रखेंगे. इसके अलावा भाजपा उपाध्यक्ष सुभाष शर्मा ने कहा, यह पंथक सीट है, लेकिन बीजेपी इस बार पूरी मेहनत कर रही है और अच्छा प्रदर्शन करेगी.

सीट आंकड़े 

विधानसभा सीट: तरनतारन

कुल मतदाता: 1,93,742

पुरुष मतदाता: 1,01,494

महिला मतदाता: 92,240

मतदान केंद्र: 114

मतदान बूथ: 222

मतदान तिथि: 11 नवंबर

मतगणना: 14 नवंबर

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