
कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक पांच सदस्यीय समिति बनाई है. यह समिति पांच राज्यों के चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार की समीक्षा करेगी. सोनिया गांधी द्वारा बनाई गई इस समिति के सदस्य इस प्रकार हैं- अशोक चव्हाण (चेयरमैन), सलमान खुर्शीद, मनीष तिवारी, विनसेंट एच पाला और ज्योति मणि भी शामिल हैं. यह समिति अगले दो हफ्ते में पूरी रिपोर्ट सौपेंगी.
वहीं जी-23 के नेता गुलाम नबी आजाद को कांग्रेस पार्टी में प्रमुख जिम्मेदारी दी गई है. कांग्रेस अध्यक्ष ने आजाद को कोविड टास्क फोर्स पार्टी का चेयरमैन बनाया है. लेटर कंट्रोवर्सी के बाद गुलाम नबी आजाद के लिए यह पहली उपलब्धि है.

इससे पहले कांग्रेस में होने वाला आंतरिक चुनाव टल गया है. कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने 23 जून को चुनाव कराने का प्रस्ताव रखा, जिसका बाकी सदस्यों ने विरोध किया. अब कोरोना संकट के बाद चुनाव होगा. कांग्रेस के सदस्यों का कहना है कि कोरोना से उबरने के बाद चुनाव पर फैसला लिया जाए.
कांग्रेस कार्यसमिति ने सामूहिक तौर पर फैसला लिया है कि मौजूदा परिस्थिति में चुनाव कराना ठीक नहीं होगा. कांग्रेस कार्यसमिति ने फैसला लिया कि जून में ना होकर चुनाव आगे बढ़ाएं जाएं. परिस्थिति को देखकर आगे फिर से तारीख तय की जाएगी. पिछले साल अगस्त से अध्यक्ष पद के चुनाव 3 बार टल चुके हैं.
अतीत में मोतीलाल नेहरू, जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष रहे हैं. नेहरू-गांधी परिवार के एक सदस्य संजय गांधी 1975-80 के दौरान ताकतवर थे, लेकिन पार्टी संगठन में औपचारिक रूप से कभी नहीं रहे. सोनिया गांधी के गिरते हुए स्वास्थ्य और पार्टी के हालिया प्रदर्शन को देखें तो अगर कांग्रेस में संगठनात्मक चुनाव अभी होते तो ये AICC प्रमुख को प्रभावित करता.
शायद, एक खेमे ने सोचा था कि कोरोना संकट और नरेंद्र मोदी सरकार की कथित रूप से स्थिति को न संभाल पाने के बीच राहुल को कांग्रेस के भीतर अधिक स्वीकार्य नेता बना दिया है. लेकिन इस बात पर पार्टी के भीतर सब एकमत नहीं थे. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के एक वर्ग, विशेष रूप से जिन्होंने अगस्त 2020 में राहुल की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे, उन्होंने इस बार नए कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में देरी के लिए कोरोना महामारी का इस्तेमाल किया.