नगालैंड पूर्वोत्तर का एक ऐसा राज्य है जहां पर एक साथ कई विवाद चलते हैं. फिर चाहे असम के साथ सीमा विवाद हो या फिर AFSPA का मुद्दा. इन्हीं मुद्दों को लेकर इस बार भी चुनाव लड़ा गया है. एक तरफ सत्ताधारी नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (NDPP) और बीजेपी साथ मिलकर चुनाव लड़ी है तो वहीं इस बार कांग्रेस और पीपल्स फ्रंट अलग-अलग मैदान में खड़े हैं. एग्जिट पोल का बड़ा नंबर बताता है कि एक बार फिर बीजेपी और NDPP के गठबंधन को पूर्ण बहुमत मिल रहा है.
नगालैंड चुनाव के एग्जिट पोल के नतीजे बता रहे हैं एक बार फिर एनडीपीपी और बीजेपी गठबंधन की सरकार बनने जा रही है. प्रचंड बहुमत के साथ वापसी के संकेत हैं. गठबंधन को 38 से 48 सीटें मिल सकती हैं, कांग्रेस को 1 से 2, एनपीएफ को 3 से 8. नगालैंड में मुख्यमंत्री नेफ्यू रिओ की लोकप्रियता भी बरकरार है. एग्जिट पोल के नतीजे बताते हैं कि 25 फीसदी लोगों की पहली पसंद वर्तमान सीएम नेफ्यू रिओ हैं. दूसरे दल के किसी सीएम चेहरे को 10 फीसदी वोट भी मिलते नहीं दिख रहे हैं.
अब जानकारी के लिए बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान एनडीपीपी और बीजेपी ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. एनडीपीपी ने 17 सीटें जीती थीं तो बीजेपी के खाते में 12 सीटें गई थीं. लेकिन इस राज्य की एक पार्टी एनपीएफ भी रही जिसने राज्य में 27 सीटों पर जीत दर्ज की, यानी कि सबसे ज्यादा. चुनावी नतीजों के बाद सरकार जरूर बीजेपी और एनडीपीपी ने मिलकर बनाई, लेकिन कुछ समय बाद ही एनपीएफ के ज्यादातर विधायकों ने NDPP का दामन थाम लिया. वहीं बाद में NPF के जो चार विधायक बचे थे, उन्होंने भी सरकार का ही समर्थन कर दिया. ऐसे में राज्य में सभी 60 विधायक सत्तापक्ष के हो गए.
अब इस बार जमीन पर स्थिति कुछ अलग है. बीजेपी ने तो फिर एनडीपीपी के साथ हाथ मिलाया है, लेकिन कांग्रेस और पीपल्स फ्रंट के बीच कोई समझौता नहीं हुआ है. दोनों अलग ही चुनावी मैदान में उतरे हैं. ऐसे में बीजेपी-एनडीपीपी का सामना बिखरे विपक्ष से है.