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पश्चिम बंगाल: बीजेपी ने राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की, शुभेंदु अधिकारी ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन

पश्चिम बंगाल में शुभेंदु अधिकारी के नेतृत्व में बीजेपी के 54 विधायकों ने राज्य में कानून व्यवस्था की गिरती दशा को लेकर राज्यपाल जगदीप धनखड़ को ज्ञापन सौंपा है और राज्य में राष्ट्रपति शासन की मांग की है

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शुभेंदु अधिकारी (फाइल फोटो)
शुभेंदु अधिकारी (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बीजेपी के 54 विधायकों ने राज्यपाल से मुलाकात की
  • राज्य में कानून-व्यवस्था की गिरती दशा को दिखाते हुए राष्ट्रपति शासन की मांग की

पश्चिम बंगाल में शुभेंदु अधिकारी के नेतृत्व में बीजेपी के 54 विधायकों ने सोमवार को राज्यपाल से मुलाकात की और राज्य में कानून व्यवस्था की गिरती दशा को दिखाते हुए राज्य में राष्ट्रपति शासन की मांग की है. इस बाबत बीजेपी ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ को ज्ञापन सौंपा है.

राज्यपाल को दी गई चिट्ठी में बीजेपी ने आरोप लगाया है कि विधानसभा में राज्यपाल के साथ गलत बर्ताव किया गया. उन्हें रोकने की कोशिश की गई और समूचे राज्य में यही स्थिति चल रही है, जहां विरोधियों का मुंह बंद किया जा रहा है. इसीलिए राज्य में आर्टिकल 356 के तहत राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की जा रही है.

इससे पहले भी बीजेपी की ओर से बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की जा चुकी है. लेकिन इस तरह संगठित तौर पर 54 विधायकों को साथ लेकर राष्ट्रपति शासन की मांग पहली बार हुई है.

राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने भी ट्वीट करके आरोप लगाया कि टीएमसी की महिला विधायकों ने उनका रास्ता रोकने की कोशिश की. मार्शल ने अध्यक्ष के निर्देश की अवहेलना की. लोकतंत्र का मंदिर तबाह हो गया. इनसे वे बेहद आहत हैं. 

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दरअसल आज विधानसभा में बजट सेशन की शुरुआत राज्यपाल के अभिभाषण से होनी थी. लेकिन जैसे ही राज्यपाल ने बोलना शुरू किया, सदन में बीजेपी विधायकों ने चुनाव बाद हिंसा के मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. ऐसे मैं राज्यपाल ने अपना अभिभाषण रोक दिया. विधानसभा में यह स्थिति लगभग एक घंटे तक चलती रही. आखिरकार राज्यपाल ने दो लाइन अभिभाषण पढ़कर औपचारिकता समाप्त की और विधानसभा से निकल गए. 

इसी के बाद बीजेपी विधायक विधानसभा से निकलकर, रैली करते हुए राजभवन पहुंचे और ज्ञापन देकर राज्यपाल से बंगाल में धारा 356 लगाने की मांग की. हालांकि राज्यपाल ने अभी इस विषय में साफ नहीं किया है कि वह इस मांग पर कोई कदम उठाएंगे या नहीं.

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