IMD Rainfall Prediction: मॉनसून में मौसम को लेकर आईएमडी की चारों तरफ किरकिरी हो रही है. कहा जा रहा है कि इस बार मौसम विभाग कि अधिकतर भविष्यवाणियां गलत साबित हुई हैं. इस चर्चा ने तब जोर पकड़ा जब मंगलवार को दिल्ली में जबरदस्त बारिश देखी गई, उसका अनुमान भी मौसम विभाग ने गलत लगाया था. मौसम विभाग ने हल्की बारिश की बात कही थी लेकिन मंगलवार को बादल जमकर बरसे, ऐसे में मौसम विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े होने लगे हैं.
अनुमान गलत होने की बात से IMD ने किया इंकार
मौसम विभाग के वैज्ञानिक आरके जेनामनि का कहना है कि हमारे सभी प्रीडिक्शन लगभग सही साबित हुए हैं. आरके जेनामनि कहते हैं कि हम ऐसी भविष्यवाणी पर जोर देते हैं जहां मानवीय जीवन प्रभावित होता है. दिल्ली में एक पूर्वानुमान गलत हो भी गया तो उससे कौन सा नुकसान हो गया. गुजरात को लेकर हमारा अनुमान बिल्कुल सही था. बातचीत में मौसम विभाग के वैज्ञानिक आरके जेनामणि बचाव करते हुए कहते हैं कि मौसम विभाग का एक भी ऐसा अनुमान गलत नहीं निकला जो कि बड़े पैमाने पर मानव जीवन को प्रभावित करता हो. उन्होंने कहा कि गुजरात को लेकर भी मौसम विभाग ने पहले ही अलर्ट जारी किया था और वहां पर भारी बारिश हो रही है.
IMD ने जारी किया आंकड़ा
मौसम विभाग का कहना है कि उन्होंने 12 जुलाई को लाइट रेन और थंडर रेन की भविष्यवाणी की थी इसका मतलब यह था कि कहीं पर हल्की बारिश होगी और कहीं पर ज्यादा बारिश होगी. दिल्ली में यही हाल रहा कुछ इलाकों में बहुत तेज बारिश हुई तो कुछ इलाकों में हल्की बारिश देखी गई. इसी तरह मौसम विभाग ने आंकड़ों के जरिए ये बताने की कोशिश की कि जुलाई के पूरे महीने में, मतलब एक जुलाई से 12 जुलाई तक मौसम विभाग ने दिल्ली में बारिश को लेकर जो अनुमान लगााया वो एकदम सटीक था.
पर्यावरणविद् की राय अलग
हालांकि लोग इस बात से सहमत नहीं दिख रहे. पर्यावरणविद् विक्रांत टोंगड़ कहते हैं कि मौसम विभाग के पास पहले से कहीं ज्यादा और वर्ल्ड क्लास संसाधन है तो फिर उनका अनुमान गलत क्यों? हालांकि इसके लिए वो जलवायु परिवर्तन को भी एक वजह मानते हैं.
कुल मिलाकर आंकड़ों के जरिए मौसम विभाग ने भले ही अपने तर्क रखने की कोशिश की हो लेकिन आम जनता अब भी ये समझ नहीं पा रहा कि मौसम विभाग के आंकड़ों में खेल है या मौसम ही बेईमान है.