Tomato Price Increased, Karnataka Rainfall, Vegetable Price: कर्नाटक में लगातार हो रही बारिश ने किसानों के लिए कहर बरपा रखा है. रिपोर्टों के अनुसार, 24 लोगों की जान चली गई है, 191 पशुओं की मौत हुई है, 5 लाख हेक्टेयर कृषि फसल का नुकसान हुआ है. बेंगलुरु शहरी, बेंगलुरु ग्रामीण, तुमकुरु, कोलार, चिक्काबल्लापुर, रामनगर, हासन जिले में बारिश से व्यापक नुकसान हुआ है. फसल के नुकसान के कारण, बेंगलुरु में सब्जियों की कीमतों में लगभग 40% की वृद्धि हुई है. टमाटर का खुदरा मूल्य 90- 120 रुपये तक बढ़ गया है. अन्य सब्जियों जैसे- बैगन, गोभी और बीन्स की कीमतों में भी काफी वृद्धि देखी गई है.
सब्जी व्यापारी और बाजार के सचिव मोहम्मद परवेज का कहना है कि बेंगलुरु में स्टॉक की कमी के कारण कई सब्जियों की कीमतें बढ़ गई हैं. उनका कहना है, ''शहर में बहुत कम स्टॉक आ रहा है, बस करीब 10-20%. एक किलो टमाटर की कीमत बढ़कर रु. 150 हो गई थीं, लेकिन महाराष्ट्र से स्टॉक आने के कारण यह गिरकर 100-110 रुपये हो गई हैं. दूसरी सब्जियां जैसे बीन्स, गाजर, मूली भी महंगी हो गई हैं.''
सीएम बोम्मई ने अधिकारियों को दिए ये निर्देश
सीएम बसवराज बोम्मई ने अब अधिकारियों को प्रभावित किसानों के खातों में लगातार बारिश से हुई क्षति के कारण हुई फसलों के भारी नुकसान के लिए मुआवजे की राशि ट्रांसफर करने का निर्देश दिया है. सीएम ने कहा, ''लगातार बारिश से राज्य में खड़ी फसलों को भारी नुकसान हुआ है. नुकसान का जीपीएस आधारित सर्वेक्षण जारी है और विवरण राहत ऐप पर अपलोड किया जा रहा है. अधिकारियों को निर्देश दिया गया था कि विवरण प्राप्त करने के तुरंत बाद मुआवजे की राशि प्रभावित किसानों के खातों में स्थानांतरित कर दी जाए.''
वहीं, आजतक/इंडिया टुडे ने कोलार जिले का दौरा किया. बेंगलुरु को मिलने वाली सब्जियों का एक बड़ा हिस्सा कोलार जिले से आता है. वास्तव में, कोलार मंडी को दक्षिण कर्नाटक के पांच जिलों से टमाटर मिलते हैं, जिसकी फसल अकेले कोलार जिले में 10,000 एकड़ में उगाई जाती है. लेकिन लगातार बारिश ने फसलों को इस हद तक नुकसान पहुंचाया है कि एपीएमसी यार्ड में जो आ रहा है वह घटिया क्वालिटी का है और मात्रा भी कम है.
कोलार एपीएमसी के अध्यक्ष, सीएम मंजूनाथ ने बताया, ''स्थिति बेहद गंभीर है. किसानों के लिए कोई फसल नहीं है. उन्हें फिर से खेती शुरू करने के लिए कम-से-कम एक महीने की आवश्यकता होती है. केवल 10% टमाटर की फसल है जिसे काटा जा सकता है और हमें अगली फसल प्राप्त करने के लिए तीन महीने और इंतजार करना होगा. इन सब कारणों से हम दूसरे राज्यों को निर्यात नहीं कर पा रहे हैं.'' कोलार से टमाटर बेंगलुरु नहीं भेजे जाते, बल्कि उत्तर भारत के विभिन्न राज्यों में निर्यात किए जाते हैं, लेकिन लगातार हो रहे नुकसान से किसानों को डर है कि टमाटर ज्यादा समय तक नहीं चलेगा.
कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता और पूर्व सीएम सिद्धारमैया ने जिले के किसानों की समस्याओं का पता लगाने के लिए वहां का दौरा किया. सिद्धारमैया कहते हैं, ''बारिश की वजह से किसान की लगभग रु. 2 लाख प्रति एकड़ की उनकी पूरी फसल बर्बाद हो गई है. किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कर्ज लेकर पैसा लगाया है. कोई भी किसान अपने घरों में पैसा नहीं रखता है. उन्हें बैंकों या सोसाइटियों से कर्ज लेना पड़ता है और फिर खेती पर खर्च करना पड़ता है.''