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'किंगकर्तव्यविमूढ़ मठ हो पीएम आवास का नया नाम' राजपथ का नाम बदलने पर महुआ मोइत्रा का केंद्र पर तंज

महुआ मोइत्रा ने ट्वीट किया, मुझे विश्वास है कि वे राजपथ का नाम कर्तव्य पथ कर रहे हैं. मुझे उम्मीद है कि वे पीएम आवास का नाम बदलकर किंगकर्तव्यविमूढ़ मठ करेंगे. इससे पहले महुआ ने ट्वीट कर कहा था, क्या हो रहा है? क्या भाजपा ने हमारी संस्कृति को बदलने का अपना एक मात्र कर्तव्य बना लिया है?

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महुआ मोइत्रा (फाइल फोटो)
महुआ मोइत्रा (फाइल फोटो)

चर्चा है कि केंद्र सरकार राजपथ का नाम बदलकर 'कर्तव्यपथ' कर सकती है. हालांकि, अभी इसका आधिकारिक ऐलान होना बाकी है. इसी बीच टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने इस मामले में केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. इतना ही नहीं उन्होंने पीएम आवास का नाम बदलकर 'किंगकर्तव्यविमूढ़' मठ करने की भी मांग की है. टीएमसी सांसद ने 'किंगकर्तव्यविमूढ़' शब्द के जरिए केंद्र पर तंज कसा है. दरअसल, किंकर्तव्यविमूढ़ शब्द का अर्थ होगा है, दुविधा में होना. इसमें महुआ मोइत्रा ने 'किंग' जोड़कर नए शब्द के जरिए पीएम को घेरने की कोशिश की है.

संस्कृति को बदलना बीजेपी का कर्तव्य- महुआ मोइत्रा

महुआ मोइत्रा ने ट्वीट किया, मुझे विश्वास है कि वे राजपथ का नाम कर्तव्य पथ कर रहे हैं. मुझे उम्मीद है कि वे पीएम आवास का नाम बदलकर किंगकर्तव्यविमूढ़ मठ करेंगे. इतना ही नहीं इससे पहले भी उन्होंने इस मुद्दे पर बीजेपी पर निशाना साधा था. महुआ ने ट्वीट किया, क्या हो रहा है? क्या भाजपा ने हमारी संस्कृति को बदलने का अपना एक मात्र कर्तव्य बना लिया है? क्या उनके महापाप और पागलपन में हमारी विरासत का इतिहास फिर से लिखा जाएगा?

7 सितंबर को लग सकती है मुहर

दरअसल, मोदी सरकार ने दिल्ली के राजपथ का नाम बदलने का फैसला किया. अब इसका नाम कर्तव्य पथ किया जा सकता है.  7 सितंबर को NDMC की एक अहम बैठक होने वाली है, उस मीटिंग में ही सरकार के इस फैसले पर मुहर लग सकती है. 

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पीएम मोदी ने जब से लाल किले की प्राचीर से गुलामी की हर चीज से मुक्त होने की बात कही है, तभी से राजपथ के नाम बदलने पर भी मंथन शुरू हो गया था. इसी कड़ी में सरकार ने अब कई सालों बाद राजपथ को कर्तव्य पथ नाम देने का ऐलान कर दिया है. नेताजी स्टैच्यू से लेकर राष्ट्रपति भवन तक जो पूरी रोड जाती है, उसे कब कर्तव्य पथ कहा जाएगा.

गुलामी की हर चीज से मुक्ति वाली पहल 

अभी तक सरकार ने इसका औपचारिक ऐलान नहीं किया है. लेकिन NDMC की बैठक में इसे हरी झंडी दिखा दी जाएगी. इससे पहले भी सरकार ने ऐसे ही कई स्थानों के नाम बदले हैं. मोदी सरकार के आते ही रेड कोर्स रोड का नाम बदल लोक कल्याण मार्ग कर दिया गया था. कई रेलवे स्टेशनों के नाम भी ऐसे ही बदले गए हैं. सरकार का तर्क है कि आजादी के 75 साल बाद गुलामी का कोई भी प्रतीक नहीं रहना चाहिए, सबकुछ न्यू इंडिया वाले विजन को ताकतवर करने वाला साबित होना चाहिए.

 

 

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