लोकसभा के डिप्टी स्पीकर पद के लिए यूपी की अयोध्या सीट से सपा सांसद अवधेश प्रसाद को आम आदमी पार्टी (AAP) की तरफ से भी समर्थन मिल गया है. AAP की तरफ से कहा गया है कि पार्टी सांसद अवधेश प्रसाद को डिप्टी स्पीकर बनाए जाने की मांग का समर्थन करती है.
आम आदमी पार्टी से सांसद संजय सिंह ने कहा,'प्रभु श्रीराम की नगरी से दलित समाज के एक नेता जो विधायक और मंत्री रह चुके हैं और अब वहां की जनता ने उन्हें जिताकर सांसद बनाया है. भाजपा के लोगों को उन्हें कम से कम डिप्टी स्पीकर बनाना ही चाहिए. लेकिन बीजेपी वाले और संघ के लोग बर्दाश्त नहीं कर सकते कि एक दलित का बेटा, मोदीजी से बड़ी कुर्सी पर उनके सामने बैठ जाए. TMC की मांग जायज है, लेकिन देखना होगा कि भाजपा वाले इसको कितना मानेंगे.'
समर्थन करने वाले दलों को कहा धन्यवाद
अवधेश प्रसाद ने समर्थन करने वाले दलों को धन्यवाद कहा है. उन्होंने कहा,'आदरणीय दल के नेताओं का धन्यवाद करता हूं. सभी के प्रति आभार व्यक्त करता हूं.' जब अवधेश से पूछा गया कि उन्हें किन-किन विपक्षी दलों का समर्थन मिलने की उम्मीद है तो उन्होंने कहा कि ये अखिलेश यादव पर निर्भर करता है.
ममता ने रखा था गैर कांग्रेसी उम्मीदवार का प्रस्ताव
डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष को देने की परंपरा है. लेकिन माना जा रहा है कि अवधेश प्रसाद बीजेपी सरकार के लिए एक कठिन प्रस्ताव हैं, क्योंकि सपा सांसद ने अयोध्या (फैजाबाद सीट) से जीत हासिल की है. ममता ने एक गैर कांग्रेसी विपक्षी उम्मीदवार का प्रस्ताव रखा था, जबकि कांग्रेस डिप्टी स्पीकर का पद चाहती थी.
कौन हैं अवधेश प्रसाद?
फैजाबाद सीट से सांसद बनने से पहले अवधेश प्रसाद अयोध्या जनपद की मिल्कीपुर विधानसभा से सपा के विधायक थे. वह लंबे समय से समाजवादी पार्टी से जुड़े रहे हैं और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के काफी करीबी लोगों में इनका भी नाम लिया जाता था. राजनीति की शुरुआत इन्होंने जनता पार्टी से की थी और 1977 में पहली बार अयोध्या जनपद की सोहावल विधानसभा से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. इसके बाद तो अवधेश प्रसाद ने पीछे मुड़कर नहीं देखा 1985, 1989, 1993, 1996, 2002, 2007 और 2012 लगातार विधानसभा चुनाव जीतते रहे.अवधेश प्रसाद ने लोकसभा चुनाव 2024 में 54567 वोटों से जीत दर्ज की थी. उनके प्रतिद्वंद्वी और बीजेपी कैंडिडेट लल्लू सिंह चुनाव हार गए थे. एक ओर जहां सपा कैंडिडेट अवेधश प्रसाद को 554289 वोट मिले तो वहीं लल्लू सिंह सिंह को महज 499722 वोट मिले थे.
कितना अहम है डिप्टी स्पीकर का पद?
डिप्टी स्पीकर का पद भी उतना ही अहम है, जितना स्पीकर का. संविधान का अनुच्छेद 95 कहता है कि डिप्टी स्पीकर, स्पीकर का काम तब संभालता है जब वो पद खाली हो गया हो या फिर वो गैरमौजूद हों.अगर डिप्टी स्पीकर का पद खाली है और स्पीकर भी मौजूद नहीं हैं तो ऐसी स्थिति में राष्ट्रपति की ओर से नियुक्त लोकसभा सांसद सदन की कार्यवाही संभालता है. संविधान ने डिप्टी स्पीकर को भी वही शक्तियां दी हैं, जो स्पीकर को दी है.