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'महात्मा गांधी के कातिलों का महिमामंडन होता है...' सोनिया गांधी का विचारधार पर हमला

दिल्ली में नेहरू सेंटर इंडिया के लॉन्च कार्यक्रम में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने बीजेपी और उससे जुड़ी विचारधारा पर सीधा हमला बोला. उन्होंने आरोप लगाया कि वही सोच, जिसने महात्मा गांधी की हत्या का रास्ता तैयार किया था, आज भी सक्रिय है और उसके अनुयायी गांधी के कातिलों का महिमामंडन करते हैं. सोनिया ने यह भी कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की विरासत को तोड़ने-मरोड़ने और उन्हें बदनाम करने की सुनियोजित मुहिम चलाई जा रही है.

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सोनिया गांधी ने आरोप लगाया है कि महात्मा गांधी के हत्यारों का महिमामंडन हो रहा है. (Photo- PTI)
सोनिया गांधी ने आरोप लगाया है कि महात्मा गांधी के हत्यारों का महिमामंडन हो रहा है. (Photo- PTI)

कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को केंद्र सरकार और उससे जुड़ी विचारधारा पर बड़ा हमला बोला. सोनिया ने कहा कि जिस सोच ने कभी महात्मा गांधी की हत्या का माहौल बनाया था, वही आज सत्ता प्रतिष्ठानों तक पहुंच चुकी है. उन्होंने आरोप लगाया कि इस विचारधारा के अनुयायी ना सिर्फ गांधी के हत्यारों को महिमामंडन करते हैं, बल्कि भारत की मूल भावना, संविधान और संस्थाओं को कमजोर करने की कोशिश में लगे हैं.

सोनिया गांधी ने आगे कहा कि यह विचारधारा सिर्फ इतिहास को तोड़ने-मरोड़ने तक सीमित नहीं है, बल्कि उसने अतीत में जो नफरत पैदा की थी, वह महात्मा गांधी की हत्या तक पहुंची. उन्होंने आरोप लगाया कि उसी विचारधारा के अनुयायी आज 'गांधी के कातिलों का महिमामंडन करते हैं'.

CPP की चेयरपर्सन सोनिया गांधी शुक्रवार को राजधानी दिल्ली में जवाहर भवन में आयोजित 'नेहरू सेंटर इंडिया' के लॉन्च कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं. 

उन्होंने कहा, यह वही विचारधारा है जिसने नफरत का वातावरण बनाया, जिसके चलते महात्मा गांधी की हत्या हुई. और आज उनके हत्यारों का महिमामंडन इसी विचारधारा के अनुयायी करते हैं. सोनिया गांधी का कहना था कि यह विचारधारा ना सिर्फ आजादी की लड़ाई से दूर रही थी, बल्कि उसने संविधान के निर्माण में भी कोई भूमिका नहीं निभाई. उन्होंने आरोप लगाया, वे लोग, जिनकी विचारधारा का आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं था, उन्होंने संविधान के खिलाफ काम किया था.

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उन्होंने कहा कि नेहरू की छवि, भूमिका और विरासत को बदनाम करने की एक सुनियोजित और व्यवस्थित मुहिम चलाई जा रही है. उन्होंने कहा कि यही सोच अब इतिहास को फिर से लिखने और संस्थाओं को कमजोर करने की कोशिश कर रही है.

न्यूज एजेंसी के मुताबिक, उन्होंने आगे कहा, नेहरू को बदनाम करने का मुख्य उद्देश्य सिर्फ उन्हें इतिहास से मिटाना नहीं, बल्कि उन सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक नींव को ध्वस्त करना है, जिन पर हमारा राष्ट्र खड़ा है.

'एनालिसिस स्वीकार, लेकिन जानबूझकर...'

सोनिया ने साफ किया कि नेहरू के योगदान पर विश्लेषण स्वीकार्य है, परंतु उनके लेखन, भाषणों और कार्यों के साथ छेड़छाड़ करना पूरी तरह अस्वीकार्य है. उन्होंने कहा, जो व्यवस्थित प्रयास उनके योगदान को बदनाम करने, तोड़ने-मरोड़ने और कमतर दिखाने के लिए किए जा रहे हैं, वे स्वीकार नहीं हैं. यह सब इतिहास को अपने हिसाब से 'री-राइट' करने की स्वार्थी कोशिश है.

'देश की आत्मा को बचाने का समय'

सोनिया गांधी ने लोगों से अपील की कि वे इस विचारधारा के खिलाफ खड़े हों, जो नफरत, विभाजन और इतिहास को तोड़-मरोड़ की राजनीति को बढ़ाती है. उन्होंने कहा, आने वाला रास्ता आसान नहीं है. लेकिन हमारे पास इसके अलावा कोई विकल्प नहीं कि हम एक-एक नागरिक मिलकर इस प्रोजेक्ट का सामना करें. यह जिम्मेदारी सिर्फ नेहरू और उनके साथियों की याद के कारण नहीं है, बल्कि हमारे भविष्य और आने वाली पीढ़ियों के लिए है.

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