तेलंगाना सरकार ने अनुसूचित जातियों (एससी) के सब-कैटेगराइजेशन को लागू कर दिया है. अब इस कैटेगरी में आने वाले लोगों को भी आरक्षण का लाभ मिल सकेगा. इस अहम फैसले का ऐलान सिंचाई मंत्री एन. उत्तम कुमार रेड्डी ने की. इससे पहले हरियाणा में भी इसे लागू किया गया था, और तेलंगाना, सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को लागू करने वाला दूसरा राज्य बना है.
सरकार ने पहले ही जस्टिस शमीम अख्तर की अध्यक्षता में एक आयोग का गठन किया था, जिसने अनुसूचित जातियों को तीन प्रमुख समूहों- I, II और III में विभाजित करने की सिफारिश की थी. इस सब-कैटेगराइजेशन के लागू होने से अब सरकारी नौकरियों और शिक्षा के क्षेत्र में 15 फीसदी आरक्षण का सब-कैटेगरी के तहत आने वाले लोगों को फायदा होगा.
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8 अप्रैल को मिल गई थी राज्यपाल की मंजूरी
आयोग की सिफारिशों को लागू करते हुए, तेलंगाना विधानसभा ने सब-कैटेगराइजेशन एक्ट पारित किया, जिसे 8 अप्रैल 2025 को राज्यपाल की मंजूरी मिली थी. यह एक्ट 14 अप्रैल 2025 को तेलंगाना गजट में पब्लिश किया गया है.
पिछले साल हरियाणा सरकार ने भी नवंबर में एससी सब-कैटेगराइजेशन को लागू किया था. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विधानसभा में इस फैसले की घोषणा करते हुए बताया था कि यह सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक किया गया है.
मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने सब-कैटेगराइजेशन लागू करने पर कहा कि दलितों के सभी वर्गों के लिए सशक्तीकरण और अवसर सुनिश्चित करने के लिए, राज्य सरकार ने एक राजपत्र अधिसूचना जारी की, जिसकी पहली प्रति उन्हें “ऐतिहासिक काम” करने वाली समिति द्वारा सौंपी गई.
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महाराष्ट्र में भी बनाई गई है कमेटी
तेलंगाना का यह फैसला आगामी महाराष्ट्र चुनावों के संदर्भ में भी अहम माना जा रहा है. महाराष्ट्र में भी एससी सब-कैटेगराइजेशन के लिए एक आयोग का गठन किया गया था. यह जाहिर करता है कि बीजेपी इस कदम को राष्ट्रीय रणनीति का हिस्सा बना सकती है, जो विपक्ष के जाति-जनगणना के फोकस का जवाब देने की कोशिश हो सकती है.