सुप्रीम कोर्ट ने क्रीमी लेयर के प्रमोशन में आरक्षण को लेकर सभी राज्य सरकारों से विस्तृत जानकारी देने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कई राज्यों में रुके हुए प्रमोशन के मुद्दे पर दाखिल याचिका को संज्ञान में रखते हुए यह जानकारी मांगी है. सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में अटॉर्नी-जनरल को वकीलों की एक मीटिंग बुलाकर इस मुद्दे को अंतिम रूप देने को कहा है.
दरअसल सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में अलग-अलग राज्यों में अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (ST) कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण देने में आ रही कथित बाधाओं से जुड़े मामले में सुनवाई चल रही थी. सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों से कहा कि वे अटॉर्नी जनरल को मुद्दों से अवगत कराएं जिसमें उसे निर्णय देने की जरूरत है.
बिहार, महाराष्ट्र और त्रिपुरा जैसे कई राज्यों ने शीर्ष अदालत से कहा है कि 'यथास्थिति' बनाए रखने के इसके पहले के निर्णय के कारण एससी/ST कर्मचारियों के प्रमोशन में दिक्कत आ रही है.
मुख्य न्यायाधीश एस. ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से हुई सुनवाई के दौरान कहा कि यह स्वीकार किया जाता है कि कई राज्यों में इन मामलों में दी गई या प्रस्तावित पदोन्नति सवालों के घेरे में है.
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पीठ ने कहा कि कई राज्यों से आए सभी मामलों में ये मुद्दे एक जैसे नहीं हैं. इसलिए हम इसे उपयुक्त मानते हैं और न्याय के हित में इसमें तेजी लाना चाहते हैं. हर राज्य की तरफ से पेश होने वाले वकील को नोट देकर स्पष्ट रूप से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल को उस राज्य के मुद्दे के बारे में आज से दो हफ्ते के अंदर बताना चाहिए.
पीठ में न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति विनीत शरण भी थे. उन्होंने कहा कि अटॉर्नी जनरल हर राज्यों से इस तरह का नोट मिलने के बाद राज्यों के वकीलों का सम्मेलन कर सकते हैं और इस तरह से इस अदालत द्वारा तय किए जाने के लिए मुद्दों को अंतिम रूप दे सकते हैं.
इससे पहले महाराष्ट्र और अन्य राज्यों ने कहा था कि अनारक्षित श्रेणियों में पदोन्नति दी गई है लेकिन एससी और ST कर्मचारियों के लिए आरक्षित श्रेणी में पदोन्नति नहीं दी गई है.