
अगले साल गणतंत्र दिवस परेड में एक अनोखा नजरा दिखने जा रहा है. पहली बार इतिहास में गणतंत्र दिवस की परेड में सीमा सुरक्षाबल (बीएसएफ) के ऊंट सवारों की टुकड़ी में महिलाएं नजर आएंगी. 26 जनवरी की परेड में ये महिला ऊंटसवार पहली बार पुरूष जवानों के साथ टुकड़ी में शामिल होंगी.
प्रख्यात डिजाइनर राघवेंद्र राठौड़ ने इन महिला ऊंटसवारों की पोशाक तैयार की है, जिसमें देश के अलग-अलग हिस्सों की लोक संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी.

बीएसएफ की ऊंटसवार टुकड़ी के लिए महिला प्रहारियों की पोशाक में राजस्थान के इतिहास की झलक दिखाई देगी. इस पोशाक में एक पगड़ी भी शामिल है. इस पूरी पोशाक को बनारस की 400 साल पुरानी तकनीक के जरिए तैयार किया गया है, जिसमें जरदोजी का हैंडवर्क किया गया है.
रिपोर्ट के मुताबिक, बीएसएफ के महानिदेशक पंकज कुमार सिंह के निर्देश पर 15 महिलाकर्मियों को ऊंटसवार टुकड़ी में शामिल होने का प्रशिक्षण दिया गया है. देश में महिला जवानों का पहला ऊंट जत्था राजस्थान के खाजूवाला में 25 सितंबर को लॉन्च किया गया था. यही जत्था गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने दिल्ली जाएगा.
बता दें क 1976 से हर साल गणतंत्र दिवस की परेड में ऊंट सवारों की टुकड़ी हिस्सा लेती है. बीएसएफ देश का एकमात्र ऐसा फोर्स है, जो ऑपरेशनल और सेरेमोनियल दोनों तरह से ऊंटों का इस्तेमाल करता है. बीएसएफ के जवान राजस्थान में थार रेगिस्तान से लगी भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर गश्त के लिए ऊंटों का इस्तेमाल करते हैं।