चीन (China-India Standoff) संग जारी तनातनी के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने देश के दो पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी और शरद पवार संग एक अहम मीटिंग की. इस मीटिंग के जरिए सरकार द्वारा LAC की वर्तमान स्थिति के बारे में विस्तार से बताया गया है और कई तरह के संदेहों को दूर करने की कोशिश की गई. इस मीटिंग में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवने मौजूद रहे और दोनों की तरफ से एके एंटनी और शरद पवार के हर सवाल का जवाब दिया गया.
राजनाथ सिंह की पूर्व रक्ष मत्रियों संग अहम मीटिंग
जानकारी मिली है कि मीटिंग के दौरान दोनों शरद पवार और एके एंटनी को चीन की नीति को लेकर संदेह था, वहीं एलएसी पर जारी विवाद पर भी कई तरह के सवाल थे. ऐसे में इस मीटिंग के जरिए सरकार ने एक जरूरी संवाद स्थापित करने की कोशिश की जहां पर सेना प्रमुख और सीडीएस दोनों ने हर पहलू पर खुलकर बातचीत की. इस मीटिंग को लेकर सरकार या फिर शरद पवार और एके एंटनी की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
Defence Minister Rajnath Singh held a meeting with former defence ministers AK Antony and Sharad Pawar. The former defence ministers were briefed by Chief of Defence Staff Gen Bipin Rawat & Army Chief Gen Manoj Mukund Naravane on the ongoing conflict on the China border: Sources pic.twitter.com/E3TT4M6f48
— ANI (@ANI) July 16, 2021
चीन के खिलाफ भारत की नीति
बता दें कि बीते कुछ दिनों में भारत ने चीन के खिलाफ कड़ा रुख दिखाया है. सरकार की तरफ से साफ कर दिया गया है कि पूर्वी लद्दाख में स्थिति चिंताजनक है और इस वजह से द्विपक्षीय संबंध भी खराब हो रहे हैं. वहीं विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दुशांबे में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में भी इसी बात को खुलकर चीन के सामने रख दिया है.
सरकार ने अपनी नीति स्पष्ट करते हुए कहा है कि वे वास्तविक नियंत्रण रेखा पर किसी भी तरह का एकतरफा बदलाव स्वीकार नहीं करने जा रहे हैं. सरकार की तरफ से लगातार बातचीत की पैरवी की जा रही है.
घुसपैठ की खबर खारिज
वैसे कुछ समय पहले ऐसी खबरें आई थीं कि पूर्वी लद्दाख में चीन द्वारा घुसपैठ करने की कोशिश की गई. अब जब तक ये खबर तूल पकड़ पाती, उससे पहले भारतीय सेना ने ऐसी तमाम रिपोर्ट्स को खारिज कर दिया. सेना ने जोर देकर कहा कि पूर्वी लद्दाख में ना तो कोई घुसपैठ हुई. ना ही झड़प. जिन हिस्सों पर विवाद है, उन पर भारत-चीन की बातचीत चल रही है. चीन की गतिविधियों पर भी नज़र रखी जा जा रही है. इसमें किसी तरह की ढील नहीं है.