राजस्थान के मारवाड़ क्षेत्र में जोधपुर संभाग में बहने वाली लूणी नदी की मुख्य सहायक जोजरी नदी में बढ़ते प्रदूषण के प्रति लापरवाह रवैया रखने पर सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार को फटकार लगाई है. जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने राजस्थान सरकार को फटकारते हुए कहा कि हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. लेकिन सरकार ने उदासीन और जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारी से लापरवाह जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया.
21 नवंबर को फैसला सुनाएगा कोर्ट
कोर्ट अब 21 नवंबर को निर्देश पारित करेगा. सुप्रीम कोर्ट इस मसले पर मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई कर रहा है. राजस्थान के नागौर जिले में पूंडलू गांव के पास की पहाड़ियों से निकलने वाली यह नदी जोधपुर जिले में खेजड़ला खुर्द के पास लूणी नदी में मिल जाती है.
नदी में मिल रहा औद्योगिक कचरा
नदी के किनारे बड़ी संख्या में कपड़ा उद्योग और टाइल्स निर्माण उद्योग की फैक्ट्रियां हैं. इनसे निकलने वाला खतरनाक औद्योगिक कचरा बिना संशोधित किए नदी में डाला जा रहा है. इसका असर सैकड़ों गांवों, जंगलों और खेतों पर पड़ रहा है. हिरणों के अभ्यारण्यों में हिरण मारे जा रहे हैं. लोगों का जीना मुहाल है. खेत जहरीले हो रहे हैं.
कोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान
स्थानीय लोगों के मुताबिक राज्य और केंद्र सरकार ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं. अंततः सुप्रीम कोर्ट को ही स्वत: संज्ञान लेकर बड़ा दखल देना पड़ा. जहरीले हो चुके जोजरी नदी के पानी ने पर्यावरण पर विनाशकारी प्रभाव डाला है. इसने कृषि योग्य भूमि को बंजर बना दिया है. स्थानीय लोगों को इसके चलते कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो रही हैं.