प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिन पर उनके बचपन से जुड़ा एक नाम फिर से सुर्खियों में आया- अब्बास रामसदा. बचपन में अब्बास, मोदी परिवार के साथ उनके वडनगर वाले घर में रहते थे. लेकिन सवाल यह है कि अब्बास मोदी परिवार के साथ क्यों रहते थे और पीएम मोदी ने उन्हें 2022 में क्यों याद किया था? आइए जानते हैं.
अब्बास, मियांभाई के बेटे हैं, जो मोदी के पिता दामोदरदास मोदी के दोस्त थे. मियांभाई की मृत्यु के बाद दामोदरदास मोदी अब्बास को अपने घर ले आए, ताकि उसकी पढ़ाई बीच में न रुक जाए. 'अब्बास' का नाम तब चर्चा में आया जब पीएम मोदी ने 2022 में अपनी मां हीराबेन के 100वें जन्मदिन पर एक ब्लॉग लिखा था. उस ब्लॉग में मोदी ने अपने बचपन की कई निजी यादें साझा की थीं, जिनमें अब्बास का जिक्र भी था.
ब्लॉग में पीएम मोदी ने किया था जिक्र
पीएम मोदी ने लिखा था- 'मेरे पिता के मित्र के असमय निधन के बाद उनका बेटा अब्बास हमारे घर आया. वह हमारे साथ रहा और अपनी पढ़ाई पूरी की. मां अब्बास को भी उतना ही स्नेह देती थीं और उतनी ही देखभाल करती थीं, जितना हम सब भाई-बहनों को.' मोदी ने आगे बताया- 'हर साल ईद पर मां अब्बास की पसंदीदा खाने की चीजें बनाती थीं. त्योहारों पर पड़ोस के बच्चे भी हमारे घर आते और मां के हाथ के खास पकवानों का आनंद उठाते.'
कौन हैं अब्बास?
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, अब्बास मूल रूप से वडनगर के पास केसिम्पा गांव के रहने वाले हैं. मोदी के पिता दामोदरदास ने उनके परिवार को समझाया कि अब्बास को बेहतर पढ़ाई के लिए वडनगर भेजा जाए, क्योंकि केसिम्पा गांव का स्कूल सिर्फ पांचवीं तक ही था.
रिपोर्ट के अनुसार, अब्बास कई साल तक मोदी परिवार के साथ रहे और पीएम मोदी के छोटे भाई पंकज मोदी के साथ ही एक ही क्लास में पढ़े. दोनों पढ़ाई में काफी अच्छे थे. अब्बास ने 1973-74 में मैट्रिक (SSC) परीक्षा में बेहतरीन अंक हासिल किए.
जब अब्बास ने एसएससी परीक्षा दी, तब तक नरेंद्र मोदी वडनगर से अहमदाबाद जा चुके थे, जहां उन्होंने आरएसएस प्रचारक के रूप में पूरा समय देना शुरू कर दिया था. बाद में पंकज मोदी और अब्बास दोनों को सरकारी नौकरी मिली- पंकज को सूचना विभाग में और अब्बास को नागरिक आपूर्ति विभाग में.
भाई प्रह्लाद मोदी ने भी किया अब्बास को याद
मोदी के एक और भाई प्रह्लाद मोदी ने भी अब्बास के वहां रहने को याद किया. उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, 'अब्बास हमारे साथ कुछ साल रहा और मैट्रिक के बाद चला गया. वह मेरे भाई पंकज का क्लासमेट था.' अब्बास 2022 में अपनी सरकारी सेवा से रिटायर हुए और फिर अपने छोटे बेटे के साथ सिडनी (ऑस्ट्रेलिया) चले गए. उनका बड़ा बेटा अभी भी गुजरात के मेहसाणा जिले की खेड़ालू तहसील में रहता है.
पीएम मोदी पर लिखी किताब में हीराबेन को याद किया
अब्बास ने खुद माना है कि मोदी परिवार ने उनके जीवन को आकार देने में अहम भूमिका निभाई. पीएम मोदी पर लिखी अपनी किताब में उन्होंने इस साथ और स्नेह के लिए आभार जताया और खासतौर पर हीराबेन का जिक्र किया, जिन्हें उन्होंने अपने ही बच्चों जैसा मानने वाली मां बताया.