scorecardresearch
 

'प्रधानमंत्री को जनता चुनती है...', सरकारी योजनाओं के प्रचार से जुड़ी याचिका पर दिल्ली HC की टिप्पणी

कोर्ट में केंद्र के वकील ने तर्क दिया कि सेल्फी पॉइंट महिलाओं को डिफेंस जॉइन करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देते हैं. जबकि याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि प्रत्येक सेल्फी प्वाइंट को 6 लाख की लागत से बनाया गया है. इस पर प्रधानमंत्री का कटआउट लगाया गया है.

Advertisement
X
सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए रक्षा बलों के इस्तेमाल के खिलाफ याचिका पर सुनवाई की. इस दौरान कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जस्टिस मनमोहन और जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की बेंच ने कहा कि मुद्दा ये है कि इसके लिए किसी राजनीतिक प्रतीक चिह्न का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है, साथ ही कहा कि किसी नेता या किसी पार्टी के नाम का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है.

जनहित याचिका में आरोप लगाया गया था कि केंद्र सरकारी योजनाओं और अपनी उपलब्धियों को प्रचारित करने के लिए रक्षा बलों और लोक सेवकों का इस्तेमाल कर रहा है. इस मामले की सुनवाई करते हुए दिल्ली HC ने कहा कि सरकार सत्ता में बैठे किसी व्यक्ति द्वारा चलाई जाती है. और व्यक्ति (प्रधानमंत्री) को जनता द्वारा चुना जाता है. वह एक संवैधानिक पद पर हैं. अगर वे (सरकार) कह रहे हैं कि हम इस दिशा में पूरे प्रयास कर रहे हैं, ताकि अंतिम लक्ष्य हासिल किया जा सके, तो आपको इससे कोई शिकायत नहीं होनी चाहिए.

कोर्ट में केंद्र के वकील ने तर्क दिया कि सेल्फी पॉइंट महिलाओं को डिफेंस जॉइन करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देते हैं. जबकि याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि प्रत्येक सेल्फी प्वाइंट को 6 लाख की लागत से बनाया गया है. इस पर प्रधानमंत्री का कटआउट लगाया गया है.

Advertisement

याचिकाकर्ताओं के अनुसार विकसित भारत संकल्प यात्रा का इस्तेमाल राजनीतिक नेताओं द्वारा राजनीतिक भाषण देने के लिए किया जा रहा है. पहले भी यह तर्क दिया गया था कि इस यात्रा में रक्षा अधिकारियों और सिविल सेवकों की ड्यूटी लगाना नियमों के खिलाफ है. कोर्ट ने केंद्र से एक हलफनामा दाखिल करने को कहा है. इस मामले की अगली सुनवाई 30 जनवरी को होगी.
 

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement