मराठा आरक्षण महाराष्ट्र की राजनीति में यूं तो कई साल पुराना मुद्दा है लेकिन नई नई बनी शिंदे-फडणवीस गठबंधन की सरकार के सामने ये नई मुसीबत बन कर उभरा है. पिछले कुछ महीनों से लगातार मराठा संगठन आरक्षण की मांग को लेकर अड़े हुए हैं. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के आश्वासन के बाद इस आंदोलन को 40 दिन का विराम मिला था, लेकिन कल ये मियाद खत्म हो गई और राज्य सरकार की तरफ से कोई ठोस बयान नहीं आया.
मराठा संगठनों ने फिर से आंदोलन की धमकी दी है और आज से इस आदोंलन के तेज होने के आसार फिर से जताए जा रहे हैं. मराठा आरक्षण के मुद्दे पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सोमवार को कहा कि कि सरकार मराठा समुदाय को नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण देने को प्रतिबद्ध है लेकिन उसके लिए युवाओं को आत्महत्या जैसे कदम उठाने की जरूरत नहीं है. दूसरी तरफ मराठा संगठन मुख्यमंत्री के इस आश्वासन को खोखला बता रहे हैं. अब तक इस मुद्दे पर सरकार, अदालत और मराठा संगठनों की तरफ से क्या विशेष हो चुका है और इन चालीस दिनों में सरकार की तरफ से इस मुद्दे को सुलझाने के लिए क्या किया गया है और सरकार के लिए ये कितना बड़ा चैलेंज होगा अगर आज से आंदोलन और बड़ा हुआ तो? 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें.
________
राजनीति में तो गढ़ उजड़ते बसते रहते हैं लेकिन दक्षिण में एक राज्य ऐसा है जो एक नेता का मजबूत गढ़ बन चुका है.ये बात है आन्ध्रप्रदेश से अलग हो कर नया राज्य बने तेलंगाना की. 2018 में यहाँ विधानसभा चुनावों में जीतने वाले के चंद्रशेखर राव की भारत राष्ट्र समिति ने अट्ठासी सीटें जीती थीं. 119 सीटों वाले राज्य में केसीआर की पार्टी का वोट परसेंट भी 50 परसेंट से ज्यादा का रहा था. इस बार के विधानसभा चुनाव जो इसी साल के अंत में होने हैं, केसीआर ने अपने ज्यादातर विधायकों को ही मैदान में उतारा है. हालांकि विश्लेषक ये भी कह रहे हैं कि एंटी इन्कमबेनसी जरूर केसीआर की भारत राष्ट्र समिति को परेशान कर सकती है. अब सवाल ये है कि लंबे समय के सूखे के बाद बारिश का इंतेजार कर रही कांग्रेस को क्या इस बार चुनाव में अच्छी खबर मिलेगी या केसीआर का दावा अभी भी मजबूत रहेगा? 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें.
______
सीमा पर भारत चीन का तनाव इस समय बुरे दौर में ही है. चीन और भारत के अपने अपने दावे हैं और उन दावों को मजबूत करने की हरकतों की तस्वीर भी आती रहती है. कभी वो तस्वीरें आती हैं जिसमें चीन विवादित इलाकों में गाँव बसा रहा होता है तो कभी सड़कें. अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय पेंटागन ने एक रिपोर्ट में कुछ ऐसा ही दावा किया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने भारत के साथ सीमा विवाद के बीच 2022 में न सिर्फ सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ाई थी. बल्कि घरों, सड़क और तमाम अन्य चीजों का निर्माण भी जारी रखा था.
इसके आगे इस रिपोर्ट में डोकलाम के बारे में भी दावा किया गया है. पेंटागन के मुताबिक डोकलाम के पास अंडरग्राउंड स्टोरेज, पैंगोंग झील पर दूसरा पुल और एलएसी के पास चीन के नए निर्माण जारी हैं. चीन के अवैध निर्माण की खबरें तो आती ही रहती है, इसमें क्या नया है भारत चीन की इन गतिविधियों को कैसे टैकल कर रहा है? 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें.