मणिपुर के चुराचंदपुर और बिश्नुपुर जिलों की सीमावर्ती इलाकों में मंगलवार रात को भारी गोलीबारी हुई, जिससे जातीय संघर्ष से प्रभावित राज्य में एक बार फिर तनाव पैदा हो गया. स्थानीय लोगों के अनुसार, फौगाकचाओ इखाई और तोरबुंग क्षेत्रों में सुरक्षाबलों और चुराचंदपुर की ओर से आए अज्ञात सशस्त्र समूहों के बीच जोरदार क्रॉस-फायरिंग हुई.
फौगाकचाओ इखाई और थोरबुंग के स्थानीय लोगों के अनुसार, सरकार ने हाल ही में कुछ आंतरिक रूप से विस्थापित व्यक्तियों (आईडीपी) को तोरबुंग के उनके मूल गांवों में वापस बसाया था.
वहीं, गोलीबारी की आवाज के बाद इलाके में पुनर्वासित परिवारों के बीच अफरा-तफरी मच गई और लोग मदद के लिए चिल्लाने लगे. लोगों का कहना है कि वह अपने गांवों में लौटने के बाद फिर से डर और असुरक्षा महसूस कर रहे हैं.
पुनर्वास का विरोध
इसी पुनर्वास का विरोध करते हुए सशस्त्र समूहों ने कथित तौर पर बमों और भारी गोला-बारूद से हमले शुरू कर दिए. बताया जा रहा है कि हमलावर चुराचांदपुर की ओर से आए थे. अचानक हुआ ये हमला सरकार द्वारा की जा रही शांति की कोशिशों को बड़ा झटका माना जा रहा है.
सेना ने की कार्रवाई
सशस्त्र समूहों के हमले के जवाब में सुरक्षाबलों, विशेष रूप से भारतीय सेना (Indian Army) ने कड़ी कार्रवाई की. इसके बाद दोनों ओर से तीखी गोलीबारी हुई, जिससे इलाके के लोगों में दहशत फैल गई और स्थानीय लोगों ने गोलीबारी की इस घटना को रिकॉर्ड कर लिया है.
बता दें कि ये क्षेत्र मैतेई बहुल बिश्नुपुर जिले के हैं, जो कुकी-जो बहुल चुराचंदपुर जिले से सटे हुए हैं. मई 2023 में शुरू हुए जातीय संघर्ष के बाद से ये सीमावर्ती इलाके संवेदनशील बने हुए हैं.