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लालू यादव के करीबी अमित कात्याल को ED ने किया गिरफ्तार, 500 करोड़ की ठगी का आरोप

ED ने RJD प्रमुख लालू प्रसाद यादव के करीबी अमित कात्याल को रियल एस्टेट मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया है. उन पर 500 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी, फर्जी कंपनियों के जरिए धन का डायवर्जन और श्रीलंका के कोलंबो प्रोजेक्ट में 205 करोड़ ट्रांसफर करने का आरोप है.

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अमित कात्याल लालू यादव परिवार के करीबी बताए जाते हैं. (Photo: ANI)
अमित कात्याल लालू यादव परिवार के करीबी बताए जाते हैं. (Photo: ANI)

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार को लालू प्रसाद यादव के करीबी और कारोबारी अमित कात्याल को रियल एस्टेट मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार कर लिया. यह गिरफ्तारी गुरुग्राम स्थित ED की टीम ने की है. मामला Krrish Realtech Pvt. Ltd. से जुड़े बड़े रियल एस्टेट फ्रॉड का है, जिसमें सैकड़ों होमबायर्स से करोड़ों रुपये की कथित ठगी की गई.

ED की जांच के अनुसार, अमित कात्याल, उनके परिवार के सदस्य और संबंधित कंपनियों ने 400 से अधिक ग्राहकों से 500 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि वसूल की, जबकि उनके पास किसी भी वैध लाइसेंस की मंजूरी नहीं थी. एजेंसी के मुताबिक, इन आरोपियों ने प्लॉट खरीदने के इच्छुक लोगों को आकर्षक प्रोजेक्ट दिखाकर बुकिंग करवाई और फिर धन को अपने निजी खातों तथा शेल कंपनियों में डायवर्ट कर दिया.

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जांच में यह भी सामने आया कि इन शेल कंपनियों में डमी डायरेक्टर्स को बैठाया गया था, ताकि असली लाभार्थियों का नाम छिपाया जा सके. इन कंपनियों के जरिए कई अचल संपत्तियां भी खरीदी गईं. ED का कहना है कि आरोपियों ने प्लॉट खरीददारों के साथ व्यवस्थित तरीके से धोखाधड़ी की और 'प्रोसीड्स ऑफ क्राइम' को अपने परिवार के फायदे के लिए उपयोग किया.

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करीब 205 करोड़ रुपये श्रीलंका किया गया डायवर्ट

सबसे गंभीर खुलासे में ED ने बताया कि करीब 205 करोड़ रुपये की राशि, जो होमबायर्स से वसूली गई थी, उसे एक शेल फर्म Mahadev Infrastructure Pvt. Ltd. के जरिए श्रीलंका के कोलंबो में चल रहे एक होटल और रियल एस्टेट प्रोजेक्ट में भेज दिया गया. यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धन के अवैध ट्रांसफर का मामला भी बनता है.

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EOW द्वारा दर्ज FIR पर की गई कार्रवाई

यह पूरा मामला दिल्ली और गुरुग्राम पुलिस की EOW इकाइयों द्वारा दर्ज एफआईआर और चार्जशीट से शुरू हुआ था, जिनके आधार पर ED ने मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी. एजेंसी अब कात्याल और संबंधित कंपनियों की संपत्तियों के ट्रैकिंग और अटैचमेंट की प्रक्रिया आगे बढ़ा रही है.

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