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कर्नाटक चुनाव से पहले BJP सरकार का बड़ा दांव, 4% मुस्लिम कोटा खत्म किया, लिंगायत-वोक्कालिगा समुदाय का रिजर्वेशन बढ़ाया

कर्नाटक में विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी सरकार ने लिंगायत और वोक्कालिगा समुदाय को साधने के लिए बड़ा दांव खेला है. राज्य सरकार ने 4% मुस्लिम कोटा खत्म कर दिया है. अब मुस्लिमों को EWS के तहत आरक्षण का लाभ मिलेगा. राज्य में कुल आरक्षण बढ़ाकर 56% कर दिया गया. बसवराज बोम्मई सरकार ने लिंगायत और वोक्कालिगा समुदाय का 2-2% रिजर्वेशन बढ़ा दिया है.

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मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई सरकार ने कैबिनेट बैठक में बड़े निर्णय लिए हैं. (फाइल फोटो)
मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई सरकार ने कैबिनेट बैठक में बड़े निर्णय लिए हैं. (फाइल फोटो)

कर्नाटक में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी की सरकार ने बड़ा दांव खेला है. मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के नेतृत्व वाली सरकार ने मुसलमानों के लिए आवंटित 4 प्रतिशत आरक्षण को खत्म कर दिया है. इसके साथ ही राज्य के आरक्षण कोटा में बड़े बदलाव किए हैं. अब एससी को 17% आरक्षण दिया जाएगा. लिंगायत-वोक्कालिगा समुदाय के लिए आरक्षण में बढ़ोतरी की गई है. शुक्रवार को हुई कैबिनेट बैठक में बोम्मई सरकार ने आरक्षण कोटा 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 56 प्रतिशत कर दिया है.

जानकारी के मुताबिक, सरकार ने मुसलमानों के लिए 4 फीसदी ओबीसी आरक्षण को भी खत्म करने का फैसला किया है. उन्हें अब 10 प्रतिशत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) श्रेणी में ले जाया जाएगा. नए फेरबदल के साथ अब मुसलमानों को ईडब्ल्यूएस कोटे का लाभ मिलेगा, जिसमें ब्राह्मण, वैश्य, मुदलियार, जैन और अन्य समाज शामिल हैं.

केंद्र सरकार को भेजी जाएंगी सिफारिशें

कैबिनेट की बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में सीएम बोम्मई ने कहा कि धार्मिक अल्पसंख्यकों का कोटा समाप्त कर दिया गया है. आगे बिना किसी बदलाव के ईडब्ल्यूएस ग्रुप के 10 प्रतिशत पूल में शामिल किया जाएगा. बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा दिया जाने वाला ईडब्ल्यूएस कोटा 10 फीसदी है. अब ये नई सिफारिशें राज्य द्वारा केंद्र सरकार को भेजी जाएंगी. केंद्र सरकार की मंजूरी मिलते ही लागू कर दी जाएंगी.

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एससी समुदाय का आरक्षण भी बढ़ाया गया

सरकार ने यह भी फैसला किया है कि मुसलमानों का 4 प्रतिशत कोटा अब वोक्कालिगा (2 प्रतिशत) और लिंगायत (2 प्रतिशत) को दिया जाएगा, जिनके लिए पिछले साल बेलगावी विधानसभा सत्र के दौरान 2C और 2D की दो नई आरक्षण श्रेणियां बनाई गई थीं. इसके अतिरिक्त, कर्नाटक सरकार ने अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षण 15 से 17 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए 3 से 7 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है.

सरकार के मुताबिक, चार फीसदी (अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षण) को 2C और 2D के बीच दो हिस्सों में बांटा जाएगा. वोक्कालिगा और अन्य के लिए चार प्रतिशत आरक्षण बढ़कर छह प्रतिशत हो जाएगा और वीरशैव पंचमसाली और अन्य (लिंगायत), जिन्हें पांच प्रतिशत आरक्षण मिल रहा था, उन्हें अब सात प्रतिशत आरक्षण मिलेगा.

कर्नाटक में आरक्षण की राजनीति

राज्य में पहले कोटा को लेकर यह स्थिति थी...

श्रेणी 1 (पिछड़ा वर्ग) 4%
श्रेणी 2A (ओबीसी) 15%
श्रेणी 2B (मुस्लिम) 4%
श्रेणी 3A (वोक्कालिगा आदि) 4%
श्रेणी 3B (पंचमशाली लिंगायत, मराठा, बंट, ईसाई समेत लिंगायत) 5%
अनुसूचित जाति 15%
एसटी 3%
कुल 50%

कैबिनेट बैठक के बाद वर्तमान सिफारिशें...
श्रेणी 1 (पिछड़ा वर्ग) 4%
श्रेणी 2A (ओबीसी) 15%
श्रेणी 2B 0%
श्रेणी 2C (वोक्कालिगा, आदि) 6%
श्रेणी 2D (पंचमशाली लिंगायत, मराठा, बंट, ईसाई सहित लिंगायत) 7%
अनुसूचित जाति 17%
एसटी 7%
कुल 56%

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आरक्षण में क्या बदलाव हुए हैं?

एससी 15% से 17% तक हो गया.
एसटी 3% से 7% तक हो गया है.

मुसलमानों को 2B से हटा दिया गया, उन्हें 4% आरक्षण दिया जा रहा था. अब उन्हें ईडब्ल्यूएस कोटे में रखा जाएगा. उनके 4% आरक्षण को 2C के तहत वोक्कालिगा को 2% और 2D के तहत लिंगायतों को 2% दिया जाएगा.

 

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