झारखंड में हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद चंपई सोरेन ने नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली है. चंपई सोरेन ने राज्यपाल को 43 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा था. राज्यपाल ने नए मुख्यमंत्री को 10 दिनों के अंदर विश्वासमत साबित करने के लिए 10 दिनों का समय दिया था. चंपई की शपथ के बाद ही सत्तारूढ़ गठबंधन के 35 विधायक चार्टर्ड प्लैन से हैदराबाद के लिए रवाना हो गए थे.
चंपई सोरेन को विश्वासमत साबित करने के लिए झारखंड विधानसभा का दो दिवसीय स्पेशल सत्र 5 फरवरी यानी कल बुलाया गया है, जिसको देखते हुए सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायक आज शाम करीब छह बजे रांची पहुंच जाएंगे. उन्हें रांची के सर्किट हाउस में रोका जाएगा, जिसके बाद कल बस से सीधे विधानसभा लाया जाएगा.
हेमंत सोरेन को भी वोट देने की इजाजत
वहीं PMLA कोर्ट ने जमीन घोटाला मामले में गिरफ्तार हुए हेमंत सोरेन को 5 दिन की ईडी हिरासत में भेजा था. हालांकि कोर्ट ने हेमंत को विश्वासमत के दौरान वोट देने की इजाजत भी दी है. बता दें कि चंपई सोरेन के अलावा कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम और आरजेडी विधायक सत्यानंद भोक्ता ने दो फरवरी को कैबिनेट मंत्री की शपथ ली थी.
विधायकों को क्यों भेजा गया हैदराबाद?
दरअसल झारखंड मुक्ति मोर्चा में विधायकों के टूटने का डर था क्योंकि बीजेपी के पास राज्य में 26 विधायक हैं, सहयोगी दलों और निर्दलीयों को मिलाकर ये संख्या 32 हो जाती है. इसलिए जेएमएम ने विधायकों को सुरक्षित जगह भेजने की योजना बनाई. गठबंधन के 35 विधायकों को तेलंगाना भेजा गया क्योंकि वहां कांग्रेस की सरकार है. इनमें चंपई सोरेन, आलमगीर आलम और आरजेडी विधायक सत्यानंद भोक्ता नहीं गए. इसके अलावा कुछ विधायक राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के झारखंड पहुंचने की वजह से नहीं गए क्योंकि उन्हें यात्रा का स्वागत और तैयारी वगैरह करनी थी.
क्या है विधानसभा का गणित?
झारखंड विधानसभा में कुल सदस्यों की संख्या 81 है, जिसमें से एक सीट रिक्त है. गांडेय विधानसभा सीट से जेएमएम के विधायक ने इस्तीफा दे दिया था. यानी कुल 80 में से 48 विधायक इंडिया ब्लॉक के हैं. जेएमएम से 29, कांग्रेस से 17 विधायक हैं. आरजेडी-सीपीएम के पास एक-एक सीटें हैं. हालांकि चंपई सोरेन ने राज्यपाल को विधायकों के समर्थन का जो पत्र सौंपा है, उस पर 43 विधायकों के ही हस्ताक्षर हैं. विपक्ष की बात करें तो बीजेपी, जेएमएम से ज्यादा पीछे नहीं है. बीजेपी 26 विधायकों के साथ विधानसभा में दूसरी बड़ी पार्टी है. आजसू के तीन, एनसीपी (अजित पवार गुट) के एक और दो निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी बीजेपी के साथ है.
झारखंड में कई अधिकारियों का ट्रांसफर
चंपई सोरेन के झारखंड के नए मुख्यमंत्री बनते ही कई ब्यूरोक्रेट्स का तबादला हुआ है. सुदर्शन मंडल को झारखंड का नया जेल आईजी बनाया है. राज्य कार्मिक विभाग के मुताबिक, कम से कम 5 IAS और IPS अधिकारियों का ट्रांसफर हुआ है.