भारतीय सेना के अधिकारियों को अब एक-दूसरे से बातचीत करने के लिए मोबाइल एप्लिकेशन पर निर्भर होने की आवश्यकता नहीं होगी, उनके लिए आपस में संवाद करने को लेकर एक सुरक्षित एप्लिकेशन तैयार किया गया है.
सेना ने कहा कि 'आत्मानिर्भर भारत' के तहत, सिक्योर एप्लीकेशन फॉर इंटरनेट (SAI) नाम से एक सरल और सुरक्षित मैसेजिंग एप्लीकेशन विकसित किया गया है. यह एप्लिकेशन व्हाट्सएप, टेलीग्राम, SAMVAD और GIMS जैसे व्यावसायिक रूप से उपलब्ध मैसेजिंग एप्लिकेशन की तरह ही है और एन्क्रिप्शन मैसेजिंग प्रोटोकॉल के अंत में उपयोग करता है.
सेना ने इस एप्लिकेशन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह इंटरनेट पर एंड्रॉइड प्लेटफॉर्म के लिए अंत तक सुरक्षित आवाज, टेक्स्ट और वीडियो कॉलिंग सेवाओं का समर्थन करता है. मॉडल SAI के सिक्योरिटी फीचर्स में इन-हाउस सर्वर्स और कोडिंग के साथ सुरक्षा सुविधाएं है, जिन्हें आवश्यकताओं के अनुसार ट्विक किया जा सकता है.
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मोबाइल एप्लिकेशन का उपयोग करने वाले अधिकारियों की ओर से सुरक्षा को लेकर कई बार चिंताएं जाहिर की जा चुकी हैं. इस साल की शुरुआत में सेना ने अपने कर्मियों के लिए 89 ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया था, जिसमें फेसबुक, ट्रूकॉलर (Truecaller), इंस्टाग्राम जैसे लोकप्रिय ऐप और अपने मोबाइल फोन से PUBG जैसे गेम को डिलीट करने के लिए कहा गया था. यह निर्देश सशस्त्र बल के जवानों के संवेदनशील राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी सूचनाओं के लीक होने से रोकने को लेकर दिया गया था.
सेना ने कहा कि एप्लिकेशन को सीईआरटी-इन एंप्लान्ड ऑडिटर और आर्मी साइबर ग्रुप द्वारा तैयार किया गया है. बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) दाखिल करने की प्रक्रिया, एनआईसी पर इंफ्रास्ट्रकचर की होस्टिंग और आईओएस प्लेटफॉर्म पर काम करने की प्रक्रिया अभी जारी है. सेना के भीतर सुरक्षित संदेश भेजने की सुविधा के लिए SAI का उपयोग पूरी सेना द्वारा किया जाएगा. इस एप्लिकेशन को भारतीय सेना के कर्नल साई शंकर द्वारा विकसित किया गया है.
यह महज यह एप्लिकेशन नहीं है जो सेना को आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर करेगा, साथ ही प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के प्रबंधन के लिए एक सॉफ्टवेयर भी विकसित किया गया है. यह सेना को भूमि अतिक्रमण की निगरानी करने, कंटेनमेंट सड़कों पर आपातकालीन सेवाओं का इस्तेमाल किया जा सकेगा.