गोवा के एक नाइटक्लब में लगी भीषण आग, जिसमें 25 लोगों की मौत हो गई थी, उसकी जांच का दायरा बढ़ा दिया गया है. जांच एजेंसियां अब इस मामले से जुड़े प्रमुख लोगों की गतिविधियों का पता लगा रही हैं और आरोपियों को कानून के कटघरे में लाने की कोशिश तेज कर दी गई है. जांच में सामने आया है कि बागा इलाके में स्थित नाइटक्लब में जब हादसा हुआ, उस वक्त बर्च क्लब के मालिक सौरभ लूथरा और गौरव लूथरा का तीसरा पार्टनर अजय गुप्ता गोवा में ही था, लेकिन किसी दूसरी जगह मौजूद था.
यह आग छह दिसंबर की आधी रात के करीब उत्तरी गोवा के अरपोरा गांव में स्थित बर्च बाय रोमियो लेन क्लब में लगी थी. इस हादसे में पर्यटकों और क्लब के कर्मचारियों की मौत हुई और सुरक्षा इंतजामों में गंभीर लापरवाही उजागर हुई. अजय गुप्ता घटना के समय गोवा में था, लेकिन आग लगने के वक्त वह क्लब में मौजूद नहीं था. हादसे के अगले ही दिन वह गोवा से दिल्ली के लिए रवाना हो गया, उसी समय पुलिस जांच भी तेज हो रही थी.
मरीज बनकर अस्पताल में छिपा था अजय गुप्ता
बाद में दिल्ली में उसे हिरासत में लिया गया और पूछताछ के लिए सात दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया. इंडिया टुडे से बातचीत में अजय गुप्ता ने खुद को स्लीपिंग पार्टनर बताया और कहा कि उसे क्लब में सुरक्षा से जुड़ी कमियों की कोई जानकारी नहीं थी. उसने कहा कि उसका इस कामकाज में कोई सीधा रोल नहीं था.
सूत्रों के मुताबिक अजय गुप्ता ने खुद को लाजपत नगर के एक निजी अस्पताल में भर्ती करा लिया था और रीढ़ की हड्डी से जुड़ी बीमारी का दावा किया था. अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद नौ दिसंबर को दिल्ली पुलिस ने उसे हिरासत में लिया.
लूथरा ब्रदर्स पर जांच का फोकस
छह दिसंबर के हादसे के बाद अजय गुप्ता कहां-कहां गया, इस बारे में अभी तक अधिकारियों ने पूरी जानकारी सार्वजनिक नहीं की है. जांच का फोकस क्लब के को-ओनर और सगे भाई सौरभ लूथरा और गौरव लूथरा पर भी है. दोनों हादसे के कुछ ही घंटों के भीतर देश छोड़कर चले गए थे.
आग की खबर सामने आने के तुरंत बाद दोनों भाइयों ने थाईलैंड के टिकट बुक कर लिए और सात दिसंबर की सुबह दिल्ली से फुकेट जाने वाली उड़ान से रवाना हो गए. उस वक्त भी घटनास्थल पर राहत और बचाव का काम चल रहा था.
थाई अधिकारियों के साथ संपर्क में भारतीय दूतावास
उनकी इस जल्दबाजी में देश छोड़ने की वजह से अधिकारियों ने लुकआउट सर्कुलर जारी किया और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मदद मांगी. दिल्ली के अधिकारियों ने बताया कि बैंकॉक में भारतीय दूतावास थाई अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में है, ताकि लूथरा भाइयों को जल्द से जल्द भारत वापस लाया जा सके.