राजनीतिक दलों को जुलाई के महीने में करीब 150 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड (Electoral bonds) प्राप्त हुए हैं. चुनावी चंदा देने के नए तरीके इलेक्टोरल बॉन्ड में ये ज़बरदस्त उछाल देखने को मिला है, वो भी तब जब जुलाई में किसी तरह का चुनाव नहीं था.
जानकारी के मुताबिक, एक से दस जुलाई के बीच में इन बॉन्ड की बिक्री हुई है. इस दौरान करीब 10 हज़ार रुपये की कीमत वाले 13 बॉन्ड बिके, 1 हज़ार की कीमत वाले बॉन्ड की बिक्री नहीं हुई.
जुलाई के महीने में जो 150 करोड़ रुपये के बॉन्ड बेचे गए हैं, उनमें से सबसे अधिक कोलकाता की स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की ब्रांच से बेचे गए हैं. यहां से करीब 97.31 करोड़ रुपये के बॉन्ड की बिक्री हुई है, इसके बाद एसबीआई की चेन्नई ब्रांच और हैदराबाद ब्रांच का नंबर है. यहां क्रमश: 30 करोड़, 10 करोड़ के बॉन्ड बिके हैं.
कोलकाता ब्रांच से सिर्फ बॉन्ड खरीदे ही नहीं गए हैं, जबकि बॉन्ड का इनकैशमेंट भी यहां से हुआ है. पश्चिम बंगाल चुनाव के बाद ये सब गतिविधियां हुई हैं. कोलकाता में ही 107 करोड़ के बॉन्ड इनकैश किए गए हैं.
कमांडर लोकेश बत्रा (रिटायर्ड) द्वारा दाखिल की गई आरटीआई के जवाब में स्टेट बैंक की ओर से ये जानकारी मुहैया कराई गई है. इनमें करीब 126 करोड़ रुपये के बॉन्ड 1 करोड़ कीमत वाले, करीब 23.60 करोड़ के बॉन्ड दस लाख की कीमत वाले शामिल रहे हैं.
गौरतलब है कि चुनावी चंदे में पारदर्शिता लाने की मकसद से साल 2018 में इलेक्टोरल बॉन्ड को लॉन्च किया गया था. कोई भी व्यक्ति, संस्था, कंपनी या अन्य लोग बॉन्ड खरीदकर राजनीतिक दलों को चंदा दे सकते हैं. इन बॉन्ड के जरिए फिर राजनीतिक दल उन्हें इनकैश करवा सकते हैं.