पर्यावरण प्रभाव आकलन (EIA) 2020 ड्राफ्ट को लेकर केंद्र सरकार की ओर से दिल्ली हाईकोर्ट में जवाब दिया गया है. पर्यावरण मंत्रालय ने अदालत को कहा है कि EIA का ड्राफ्ट 22 भाषाओं में पब्लिश करना आसान नहीं है, क्योंकि राज्यों के पास इतनी भाषाओं में ट्रांसलेशन करवाने की सुविधा नहीं है.
केंद्र की ओर से कहा गया है कि अगर अलग-अलग भाषाओं में इसका अनुवाद किया जाता है, तो इससे मुकदमेबाजी में बढ़ोतरी हो सकती है, क्योंकि आधिकारिक भाषा का स्थानीय भाषा में अनुवाद अलग तरीके से हो सकता है.
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सरकार ने अदालत में दावा किया है कि अंग्रेजी और हिन्दी ड्राफ्ट के बाद जो जनता से सुझाव मांगे गए थे, उसमें अबतक 20 लाख सुझाव आ चुके हैं. हालांकि, केंद्र के इस दावे से इतर अगर एक आरटीआई में दिए गए जवाब को देखें तो उसमें कहा गया है कि जितने जवाब आए हैं अभी उसकी संख्या नहीं बताई जा सकती है.
आपको बता दें कि केंद्र द्वारा लाए गए पर्यावरण प्रभाव आकलन (EIA) 2020 ड्राफ्ट पर काफी विवाद हुआ था. ये मामला राजनीतिक और कानूनी तौर पर उलझा हुआ है. केंद्र ने ड्राफ्ट को सिर्फ हिन्दी और अंग्रेजी में छापा था, जिसके बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्हें सभी देशी भाषाओं में छापने का निर्देश दिया था. लेकिन केंद्र तय वक्त में ये पूरा नहीं कर पाया था. जब सुप्रीम कोर्ट के पास गुहार लगाई गई तो वापस मामला हाईकोर्ट ही चला गया.
इसके अलावा विपक्ष की कई पार्टियों ने केंद्र सरकार के इस ड्राफ्ट का विरोध किया है और इसे पर्यावरण विरोधी करार दिया है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी, सोनिया गांधी समेत कई नेता इस मसले पर पीएम मोदी को चिट्ठी लिख चुके हैं.