राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) में भीषण गर्मी की वजह से बिजली की मांग लगातार बढ़ती जा रही है. स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर (SLDC) के आंकड़ों के मुताबिक, आज दोपहर 15:33 बजे, 7572 मेगावाट दर्ज किया गया, जो मई में अब तक की सबसे ज्यादा मांग है. इसके अलावा, यह पूरे 2023 में दर्ज की गई अधिकतम बिजली मांग से ज्यादा है. बता दें कि 22 अगस्त, 2023 को दर्ज किया गया डेटा 7438 मेगावाट था.
BRPL और BYPL ने अपने-अपने इलाकों में अधिकतम बिजली की मांग को सफलतापूर्वक पूरा किया. यह लगातार तीसरा दिन है, जब दिल्ली की अधिकतम बिजली मांग 7000 मेगावाट को पार कर गई है.
गौर करने वाली बात है कि मई 2024 में हर दिन दिल्ली की अधिकतम बिजली की मांग मई 2023 की तुलना में ज्यादा है. पिछले साल मई के पहले 20 दिनों में, दिल्ली की अधिकतम बिजली की मांग 5781 मेगावाट थी. मई 2023 में उच्चतम बिजली की मांग 23 मई को 6916 मेगावाट दर्ज की गई थी.
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बिजली की मांग पर मौसम का गहरा असर पड़ता है. अप्रैल 2024 में, दिल्ली की अधिकतम बिजली की मांग 3809 मेगावाट और 5447 मेगावाट के बीच थी. वहीं, दूसरी तरफ अप्रैल 2023 के दौरान दिल्ली की अधिकतम बिजली मांग 3388 मेगावाट और 5422 मेगावाट के बीच थी.
बिजली खपत बढ़ने के पीछे भीषण गर्मी
अप्रैल 2024 के दौरान, अधिकतम बिजली की मांग अप्रैल 2023 की तुलना में 83 फीसदी ज्यादा थी, जिसमें 32 फीसदी तक का अंतर है. यह अंतर शहर में बिजली खपत पैटर्न पर मौसम के गहरे प्रभाव को उजागर करती है.
बिजली की मांग को मौसम की स्थिति के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, जिसकी वजह से शहर में रहने वालों को ज्यादा एसी/कूलर का उपयोग करना पड़ा, जिससे बिजली की खपत में बढ़ोतरी हुई.
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अभी और बढ़ सकती है बिजली की डिमांड
SLDC के आंकड़ों के मुताबिक, 2022 में 7695 मेगावाट की रिकॉर्ड बिजली मांग के बाद, 2024 की गर्मियों के दौरान दिल्ली की अधिकतम बिजली मांग पहली बार 8000 मेगावाट को पार कर 8200 मेगावाट तक पहुंच सकती है. पिछले साल, दिल्ली की अधिकतम बिजली मांग 7438 मेगावाट थी.
दक्षिणी और पश्चिमी दिल्ली के BRPL इलाके में अधिकतम बिजली की मांग 2023 और 2022 की गर्मियों के दौरान क्रमशः 3250 मेगावाट और 3389 मेगावाट थी. वहीं, 2024 की गर्मियों के दौरान लगभग 3680 मेगावाट तक पहुंचने की उम्मीद है.
दूसरी तरफ, BYPL में पूर्वी और मध्य दिल्ली के क्षेत्र में बिजली की अधिकतम मांग, जो 2023 और 2022 की गर्मियों के दौरान क्रमशः 1670 मेगावाट और 1752 मेगावाट तक पहुंच गई थी, इस साल लगभग 1860 मेगावाट तक पहुंचने की उम्मीद है.
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BSES DISCOMs दक्षिण, पश्चिम, पूर्व और मध्य दिल्ली में 50 लाख उपभोक्ताओं और 2 करोड़ निवासियों की बिजली मांग को पूरा करने के लिए विश्वसनीय बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए तैयार है. इन व्यवस्थाओं में अन्य राज्यों के साथ दीर्घकालिक पीपीए, बैंकिंग व्यवस्था और बिजली की मांग का सटीक अनुमान लगाने के लिए एआई और एमएल जैसी नवीनतम तकनीकों का इस्तेमाल शामिल है, जो बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए अहम है.