राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने G20 को लेकर केंद्र सरकार पर कटाक्ष करने की कोशिश की. खड़गे ने अपने भाषण में कहा कि हम महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दों पर ध्यान देने के बजाय G2 के बारे में बात करने में व्यस्त हैं.
जब खड़गे ने G-20 को G-2 कहा तो इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने उन्हें टोक दिया. उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह G-20 है. इसके जवाब में खड़गे ने कहा कि जीरो कमल से ढका हुआ है.
नेता विपक्ष ने कहा, "G-20 का जो विज्ञापन है, उसमें G-20 की जगह G-2 ही दिखता है क्योंकि इसमें जीरो कमल से ढका हुआ है." खड़गे के इस जवाब में उपराष्ट्रपति ने कहा कि खड़गे जी यह आपके स्तर का नहीं है.
वहीं खड़गे द्वारा कटाक्ष किए जाने पर राज्यसभा के नेता पीयूष गोयल ने कहा कि मेहरबानी करके G-20 का मजाक मत उड़ाइए. ये बहुत बड़ा ग्रुप है. शायद हमारे नेता विपक्ष खड़गे जी को केवल 2G ही दिखते हैं- 2G और सन-G.
संसद को इवेंट बनाकर चले जाते हैं पीएम मोदी- खड़गे
इससे पहले मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 'नेहरू जी का मानना था कि एक मजबूत विपक्ष की अनुपस्थिति का मतलब है कि सिस्टम में महत्वपूर्ण कमियां हैं. अगर कोई मजबूत विपक्ष नहीं है, तो यह सही नहीं है. अब, एक मजबूत विपक्ष है. ईडी, सीबीआई के माध्यम से इसे कमजोर करने पर प्रयास किया जा रहा है...उन्हें (अपनी पार्टी में) ले जाओ, उन्हें वॉशिंग मशीन में डाल दो और जब वे पूरी तरह से साफ निकल आएं - तो उन्हें (अपनी पार्टी में) स्थायी कर दो. आप देख सकते हैं क्या आज हो रहा है. पीएम संसद में कम ही आते हैं और जब आते हैं तो इसे एक इवेंट बनाकर चले जाते हैं..."
खड़गे ने बताया- 70 साल में क्या किया
खरगे ने कहा कि हमसे बार-बार पूछा जाता है कि 70 साल में आपने क्या किया. हमने 70 साल में इस देश के लोकतंत्र को मजबूत किया. नेहरू काल में देश की नींव पड़ी. नींव के पत्थर दिखते नहीं हैं. विपक्षी गठबंधन INDIA के नाम को लेकर बीजेपी पर हमलावर मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि नड्डा साहब हमें छोटा करने के लिए गठबंधन का नाम INDI बोलते हैं. उन्होंने कहा कि नाम बदलने से कुछ नहीं होता है, हम INDIA हैं.
खरगे ने पूछा- PM मणिपुर क्यों नहीं गए?
मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने भाषण में मणिपुर का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री यहां-वहां जाते हैं, लेकिन मणिपुर नहीं गए. हर मुद्दे पर बाहर भाषण देने को लेकर भी खरगे ने पीएम मोदी से सवाल किया. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने अपने 9 साल के कार्यकाल में परंपरागत बयानों को छोड़कर सिर्फ दो बार ही बयान दिया है. उन्होंने पूछा कि क्या यही लोकतंत्र है. जब कि अटलजी ने अपने कार्यकाल में 21 बार और मनमोहन सिंह ने 30 बार बयान दिया था.
सबसे आखिर में खड़गे ने एक कविता बोलते हुए अपने भाषण को खत्म किया. उन्होंने कहा-
हमारी वतन परस्ती के अनगिनत तारीखें हैं.
बेशुमार किस्सा है, हो भी क्यों न वतन से मुहब्बत,
ये तो हमारे ईमान का हिस्सा है.