हैदराबाद में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी और प्रवक्ता मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने कहा है कि अगर किसी एक जगह कई मस्जिदें हैं तो ऐसे में वहां सभी मस्जिदों के लाउडस्पीकर से अजान की जगह वहां मौजूद एक बड़ी मस्जिद से अजान दी जाए.
हाल ही में अजान को लेकर यूपी के प्रयागराज से एक मामला सामने आया था. जिसमें इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की वीसी ने डीएम को सुबह की अजान से नींद में खलल की शिकायत की थी. वीसी ने अपनी चिट्ठी में कहा है कि सुबह 5.30 बजे की अजान से नींद में खलल पड़ती है.
बदली गयी लाउडस्पीकर की दिशा
जिसके बाद प्रयागराज के सिविल लाइंस में स्थित लाल मस्जिद की मीनार पर लगे लाउडस्पीकर की दिशा बदल दी गई. मामले में मस्जिद पर मौजूद मोहम्मद कलीम ने कहा कि हमने जब अखबार में पढ़ा तो बहुत दुख हुआ कि एक पाक आवाज से किसी को तकलीफ हो रही है.
उन्होंने आगे कहा कि अल्लाह का हुक्म भी है कि वो इबादत हमारे लिए बेकार है, जो किसी को तकलीफ देकर आप करो, कुरान में इस बात का वर्णन भी है. मोहम्मद कलीम ने कहा कि इसी वजह से हम सबने बैठकर फैसला किया कि तमाम लोगों को तकलीफ में डाल कर इबाबत करें तो वो सही नहीं है, इसलिए हमने सबसे पहले वीसी के घर के तरफ से हॉर्न का डायरेक्शन बदलकर रोड की तरफ कर दिया है.
'हिंदुस्तान में गंगा-जमुनी तहजीब है'
वहीं अजान को लेकर होने वाले विवादों पर पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव और प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने भी अपने एक बयान में कहा कि हिंदुस्तान में गंगा-जमुनी तहजीब है. हमारे यहां मंदिर में घंटी भी बजती है और मस्जिद में अजान भी होती है. हिंदुस्तान के हिंदुओं को ना ही अल्लाह-हू-अकबर से तकलीफ है और ना ही हिंदुस्तान के मुसलमानों को मंदिर में बज रही घंटी से कोई तकलीफ है. लेकिन, बड़े अफसोस की बात है कि कुछ ऐसी ताकतें हैं जो हिंदुओं को मुसलमान से और मुसलमान को हिंदुओं से लड़ाने की कोशिश कर रही हैं.