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राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ के नए आरोपों से महाराष्ट्र में सियासी घमासान, विपक्ष ने मांगा फडणवीस का इस्तीफा

राहुल गांधी के आरोपों को गंभीर बताते हुए शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी (एसपी) ने चुनाव आयोग (ECI) की निष्ठा पर सवाल उठाए. पार्टी के प्रवक्ता क्लाइड क्रास्टो ने कहा कि राहुल गांधी ने दिखाया है कि कैसे मतदाता सूची से नाम संदिग्ध तरीकों से हटाए जा रहे हैं.

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राहुल गांधी के आरोपों के बाद विपक्ष ने महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस के इस्तीफे की मांग की है (Photo: ITG)
राहुल गांधी के आरोपों के बाद विपक्ष ने महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस के इस्तीफे की मांग की है (Photo: ITG)

कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नए आरोपों ने महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचा दी है. उन्होंने विधानसभा क्षेत्रों में मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि “वोट चोरी” करके लोकतंत्र को बर्बाद किया जा रहा है. उन्होंने महाराष्ट्र की एक विधानसभा सीट सहित देश के कई हिस्सों में 'वोट चोरी' का आरोप लगाया, जिसके बाद विपक्ष ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से इस्तीफे की मांग की है.

राहुल गांधी ने महाराष्ट्र के चंद्रपुर ज़िले की राजुरा विधानसभा सीट का उदाहरण देते हुए दावा किया कि वहां वोटों में हेरफेर के लिए ऑटोमेटेड सॉफ़्टवेयर का इस्तेमाल हुआ.

राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर गंभीर सवाल उठाते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर “लोकतंत्र नष्ट करने वालों को बचाने” का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस समर्थकों के नाम योजनाबद्ध तरीके से मतदाता सूची से हटाए जा रहे हैं.

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विपक्ष ने मांगा सीएम का इस्तीफा

कांग्रेस और एनसीपी (शरद पवार गुट) ने इसे लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के इस्तीफ़े की मांग की है. महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने दावा किया कि राजुरा विधानसभा क्षेत्र में 6,850 वोटों में हेराफेरी हुई और इस मामले में खुद राज्य पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है.

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उन्होंने पीटीआई से बात करते हुए कहा, “अब जब फडणवीस के ही गृह विभाग की पुलिस ने हेरफेर की पुष्टि की है तो महायुति सरकार के पास सत्ता में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है.” सपकाल ने मांग की, "राहुल गांधी ने एक बार फिर दिखाया है कि कैसे महाराष्ट्र में लोकतंत्र को खत्म किया जा रहा है. फडणवीस को तुरंत अपनी आंखें खोलनी चाहिए और इस्तीफा देना चाहिए."

एनसीपी (एसपी) प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने आरोप लगाया कि मतदाता सूची में नाम हटाने की प्रक्रिया संदिग्ध है और इससे चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े होते हैं. उन्होंने स्वतंत्र जांच की मांग करते हुए कहा कि “ईसीआई पोर्टल इतनी आसानी से कैसे हैक हो सकता है, या क्या अंदर से कोई मिलीभगत है?”

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एनडीए ने आरोप किए खारिज

दूसरी ओर, सत्ताधारी बीजेपी और एनसीपी (अजित पवार गुट) ने राहुल गांधी के आरोपों को “बेबुनियाद” और “बचपना” करार दिया. भाजपा प्रवक्ता केशव उपाध्याय ने उन्हें “वोट चोरी का बादशाह” बताते हुए माफ़ी की मांग की और कहा कि केवल प्रेस कॉन्फ्रेंस करने से कुछ साबित नहीं होगा, कांग्रेस को कानूनी रास्ता अपनाना चाहिए.

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अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के महाराष्ट्र अध्यक्ष सुनील तटकरे ने इन आरोपों को 'बचकाना' बताया. नागपुर में बोलते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस नवंबर 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में मिली 'भारी हार' को पचा नहीं पा रही है, इसलिए ऐसे आरोप लगा रही है. उन्होंने कहा कि मतदाता 'इंडिया' गठबंधन और राहुल गांधी द्वारा गढ़ी जा रही इस कहानी को समझने के लिए काफी समझदार हैं.

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