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महाराष्ट्र: बाढ़ में फंसी गर्भवती, एंबुलेंस में करानी पड़ी डिलीवरी, इलाज के अभाव में बच्चे की मौत

महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले में गगनबावड़ा तहसील के बोरबेट की सात महीने की गर्भवती 30 वर्षीय कल्पना आनंद डुकरे को प्रसव के लिए गगनबावड़ा ग्रामीण अस्पताल में भर्ती कराया गया था. लेकिन ग्रामीण अस्पताल में जरूरी सुविधाएं न होने के कारण उन्हें शहर के अस्पताल में लेकर जाना पड़ा.

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महिला की एंबुलेंस में हुई डिलीवरी. (Photo: Screengrab)
महिला की एंबुलेंस में हुई डिलीवरी. (Photo: Screengrab)

महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले में गगनबावड़ा तहसील के बोरबेट की सात महीने की गर्भवती 30 वर्षीय कल्पना आनंद डुकरे को प्रसव के लिए गगनबावड़ा ग्रामीण अस्पताल में भर्ती कराया गया था. हालांकि, आवश्यक चिकित्सा सुविधाओं के अभाव में उन्हें आगे के इलाज के लिए कोल्हापुर शहर के सीपीआर सरकारी अस्पताल में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया गया.

कल्पना आनंद डुकरे को जब शहर के सरकारी अस्पताल में लेकर जाया जा रहा था, तभी बारिश के कारण गगनबावड़ा-कोल्हापुर मार्ग बंद हो गया और एम्बुलेंस खोकुरले में फंस गई. ऐसे में महिला का एम्बुलेंस में ही प्रसव कराया गया. हालांकि, प्रसव के बाद मां तो बच गई, लेकिन दुर्भाग्य से बच्चे की मृत्यु हो गई.

यह भी पढ़ें: वाराणसी जिला अस्पताल की लापरवाही! गर्भवती को भर्ती करने के बजाय भगाया... हॉस्पिटल के बाहर हुई डिलीवरी

मानसून सीजन में आम हो जाती है ये समस्या

गर्भवती महिला कल्पना डुकरे को आगे के इलाज के लिए कोल्हापुर के सीपीआर अस्पताल ले जाया गया. वहीं इस घटना ने तहसील में स्वास्थ्य व्यवस्था की गंभीर खामियों को उजागर किया है. यहां अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों, आवश्यक दवाओं, बुनियादी ढांचे और आधुनिक व्यवस्थाओं की कमी नागरिकों की जान जोखिम में डाल रही है.

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हर साल मानसून शुरू होते ही गगनबावड़ा में यातायात अक्सर ठप हो जाता है. जिससे नागरिकों की जान जोखिम में पड़ जाती है. इसलिए, ग्रामीण अस्पतालों में आवश्यक चिकित्सा सेवाएं, विशेषज्ञ डॉक्टर और आधुनिक उपकरण उपलब्ध कराना अत्यावश्यक है.  अन्यथा, नागरिकों को डर है कि ऐसी घटनाएं फिर से घटित होंगी.

(इनपुट- दीपक सूर्यवंशी)

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