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रोहित पवार क्यों बोले- 'हम यंग हैं, हमारी सटक जाती है, यही मेरी स्टाइल है'

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव (India Today Conclave 2025) मुंबई के मंच पर एनसीपी (एसपी) के विधायक रोहित पवार ने महाराष्ट्र के तमाम मुद्दे पर खुलकर बात की, साथ ही कहा कि वो यंग हैं और जब अधिकारी काम नहीं करते हैं तो उनकी सटक जाती है.

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इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के मंच पर विधायक रोहित पवार (Photo-ITG)
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के मंच पर विधायक रोहित पवार (Photo-ITG)

महाराष्ट्र के कर्जत-जामखेड के विधायक और एनसीपी (एसपी) नेता रोहित पवार अपने बयान को लेकर चर्चा में रहते हैं. पिछले दिनों एक अधिकारी को डांटते हुए उन्होंने कहा था, "ये तुम्हारे बाप का पैसा नहीं है, जनता का पैसा है." इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2025 मुंबई के मंच पर विधायक रोहित पवार ने कहा, "हम यंग लोग हैं, कभी-कभी हमारी सटक जाती है."

रोहित पवार से पहले उनके चाचा और उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने भी एक महिला आईपीएस अधिकारी को व्यंग्यात्मक लहज़े में फटकार लगाई थी. इसे लेकर सियासत गर्मा गई थी. रोहित पवार अपने बयान पर कायम रहते हुए, अपने चाचा अजित पवार के लहज़े का भी बचाव किया और कहा कि "अजित दादा की मंशा गलत नहीं थी, लेकिन जो अंदाज़ था, वह ज़रा सही नहीं था."

शरद पवार गुट के विधायक रोहित पवार ने कहा कि मेरे जिस बयान को लेकर सवाल पूछा जा रहा है, मैं एक बात साफ़ कर दूं कि मेरा जो स्वभाव है, उसमें गलत, गलत है और जो सही है, वह सही है. नागरिकों की समस्याएं वास्तविक हैं और प्रशासन से अपेक्षा की जाती है कि वह उन्हें आत्मीयता से सुने. कुछ अफ़सर अच्छा काम करते हैं, लेकिन कुछ गलत भी करते हैं. ऐसे में सख्त रुख ज़रूरी है ताकि जनता को समय पर न्याय मिल सके.

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'गलत को सही करने के लिए टेढ़ा होना पड़ता है'

रोहित पवार ने कहा कि जनप्रतिनिधि होने के नाते वह जामखेड में लोगों की समस्या सुन रहे थे. एक नागरिक ने जल निकासी नहर के घटिया काम को लेकर सवाल उठाया और कुछ तस्वीरें भी दिखाईं. इस पर अधिकारी ने जवाब दिया कि उन्हें नहीं पता ये तस्वीरें कब की हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि रेवेन्यू अधिकारी ने भाजपा नेता से मिलकर जल निकासी के काम को गलत किया था, जिसके चलते वह उस पर भड़के. उन्होंने कहा कि "मैं गलत को गलत और अच्छे को अच्छा कहता हूँ. यही मेरे काम करने का अंदाज़ है, जिसके लिए राजनीति में आया हूं."

विधायक रोहित पवार ने कहा कि वह दो बार के विधायक हैं, अगर अच्छी भाषा में बोलने पर भी अधिकारी काम नहीं करते हैं तो गुस्सा आना स्वाभाविक है. उन्होंने कहा कि 90 फ़ीसदी अधिकारी सही हैं, लेकिन 10 फ़ीसदी अधिकारी टेढ़े हैं. अधिकारी और विधायक किसलिए हैं, जनता की समस्या को सुनने और हल करने के लिए हैं. कोई गरीब व्यक्ति और महिला ऑफिस के चक्कर पर चक्कर लगा रहे हैं, उनकी समस्या हल नहीं हो रही है तो गुस्सा आएगा ना. गलत को सही करने के लिए टेढ़ा होना पड़ता है. 

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'हम यंग  हैं, हमारी सटक जाती है' 

विधायक रोहित पवार ने कहा मैं दो बार का विधायक हूं, अगर अच्छी भाषा में बोलने पर भी अधिकारी काम नहीं करते हैं तो गुस्सा आना स्वाभाविक है. 90 फीसदी अधिकारी सही है,लेकिन 10 फीसदी अधिकारी टेढ़े हैं. अधिकारी और विधायक किस लिए हैं, जनता की समस्या को सुनने और हल करने के लिए हैं. कोई गरीब व्यक्ति और महिला ऑफिस के चक्कर पर चक्कर लगा रहे हैं, उनकी समस्या हल नहीं रही है तो गुस्सा आएगा ना.

रोहित ने कहा कि दो बार का विधायक हूं, बस यही चाहता हूं कि किसी अधिकारी को अगर किसी गरीब के काम करने के लिए फोन करूं तो वो अधिकारी काम कर दे, लेकिन  जब वो नहीं करता है तो गुस्सा आ जाता है. हम यंग लोग हैं, हमारी कभी-कभी सटक जाती है. ये नेचुरल है, लेकिन ये कब होता है, अपने निजी काम के लिए नहीं होता है बल्कि गरीब के काम लिए. मैं किसी कैंटीन में जाकर किसी का मूंह तोड़ रहा, मैं लोगों के काम के लिए भड़का था. मैं सत्ताधारी पार्टी के लोगों तरह नहीं हूं. 

मेरी स्टाइल है, मैं किसी की कॉपी नहीं करता

अजीत पवार से तुलना करने पर रोहित पवार ने कहा कि मेरा काम करने का अपना तरीका है, मेरी अपनी स्टाइल है, मैं किसी की कॉपी नहीं करता. रोहित पवार अपनी पहचान बना है, उस पर काम कर रहा है. अजीत पवार के सवाल पर कहा कि मेरे दादा (अजित पवार) की हिंदी बहुत अच्छी नहीं है, जिसके चलते उनके बयान को गलत तरीके से देखा गया. 

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वंशवादी के मुद्दे पर बोले रोहित पवार

राजनीतिक वंशवाद के सवाल पर पर बोलते हु  पवार ने कहा  कि राजनेताओं के परिवार से आने में कोई समस्या नहीं है. डॉक्टर और वकील क्षेत्र में भाई-भतीजावाद नहीं कहा जाता, तो हमें क्यों? भाई-भतीजावाद एक विशेषाधिकार है, लेकिन यह एक बोझ भी है. उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने अपना करियर जिला परिषद स्तर से शुरू किया था और अनुभव और कड़ी मेहनत के आधार पर, अपनी पार्टी के सत्ता में आने पर बड़ी ज़िम्मेदारियां संभालने का लक्ष्य रखते हैं. 

आरक्षण के साथ नीतियों पर करना होगा काम

जाति-आधारित आरक्षण पर, पवार ने कहा कि आरक्षण महत्वपूर्ण है, लेकिन हमें नीतियों पर काम करना होगा, स्कूल में शुरुआत से ही, हमें यूनिफॉर्म के मामले में समानता सुनिश्चित करने की आवश्यकता है. जाति-आधारित आरक्षण के साथ-साथ, हमें सरकार से कुछ सहयोग की भी आवश्यकता है.

उन्होंने मौजूदा कृषि संकट को स्वीकार किया और युवाओं को यह मानने से आगाह किया कि सिर्फ़ आरक्षण ही रोज़गार की गारंटी है. नौकरियां कहां से आएंगी? और आगे कहा कि हर समुदाय की उपजातियों को आरक्षण नीतियों का हमेशा समान लाभ नहीं मिलता. मराठा आरक्षण के बारे में पूछे जाने पर, पवार ने सीधे तौर पर हां या ना में जवाब नहीं दिया, बल्कि व्यापक नीतिगत समर्थन की ज़रूरत पर ज़ोर दिया.

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पवार परिवार के फूट पर बोले रोहित पवार

पवार परिवार में फूट पर बात करते हुए उन्होंने कहा, "ऐसा नहीं होना चाहिए था, लेकिन मुझे अपने दादा शरद पवार के साथ बने रहने का कोई अफ़सोस नहीं है. अजित पवार से जुड़े विवादों, जिनमें ड्यूटी पर तैनात एक महिला डीएसपी को डांटना भी शामिल है, पर रोहित ने अजित पवार और ख़ुद के टकराव भरे व्यवहार का बचाव करते हुए कहा कि ज़रूरत पड़ने पर अधिकारियों पर अपनी आवाज़ उठाने का उन्हें कोई अफ़सोस नहीं है,

महाराष्ट्र के राजनीतिक समीकरण पर, उन्होंने भाजपा में जाने की संभावना से इनकार किया. उन्होंने कहा, "अगर अजित पवार भाजपा छोड़ दें, तभी हम साथ आ सकते हैं. भाजपा के साथ जाने का कोई सवाल ही नहीं है. उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि उनका पूरा ध्यान महाराष्ट्र के लिए काम करने पर है और केंद्र में किसी भूमिका की उनकी कोई आकांक्षा नहीं है.

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