महाराष्ट्र के नांदेड में बाल विवाह को रोकने के लिए चल रहे चाइल्ड मैरेज-फ्री इंडिया- 100 डे कैंपेन के तहत कार्रवाई की गई है. चाइल्डलाइन को सूचना मिली थी कि 17 साल की लड़की की जबरन शादी कराई जा रही है. इसके बाद टीम मौके पर पहुंची और शादी रुकवा दी.
एजेंसी के अनुसार, अधिकारी ने बताया कि चाइल्डलाइन को सूचना मिली थी कि जिले के एक इलाके में नाबालिग लड़की की शादी तय कर दी गई है. परिवार तैयारियों में जुटा है. सूचना की गंभीरता को देखते हुए तुरंत चाइल्डलाइन की टीम एक्टिव हो गई. टीम की सदस्य ऐश्वर्या शेल्वे और दीपाली हिंगोले, जिला महिला एवं बाल विकास विभाग के मार्गदर्शन में लड़की के घर पहुंचीं.
घर पहुंचने पर टीम ने सबसे पहले लड़की की उम्र की जांच की, जिसमें पता चला कि वह अभी 18 वर्ष से कम है. इसके बाद टीम ने माता-पिता को कानून की जानकारी देते हुए उन्हें समझाया कि बाल विवाह केवल सामाजिक अपराध ही नहीं, बल्कि दंडनीय अपराध है.
टीम ने बताया कि कम उम्र में शादी होने से लड़की की शिक्षा, स्वास्थ्य और मानसिक विकास पर गंभीर प्रभाव पड़ता है. कई मामलों में नाबालिग दुल्हनें घरेलू हिंसा, शुरुआती गर्भधारण और शारीरिक जटिलताओं का सामना करती हैं, जो जीवनभर उनके साथ रहती हैं.
यह भी पढ़ें: कम उम्र में शादी, पति से अलगाव, 2 बच्चे,16 साल बाद ग्रेजुएशन... पढ़ें- स्वीपर से अफसर बनी आशा की कहानी
चाइल्डलाइन टीम और अधिकारियों की काउंसलिंग के बाद परिजन समझ गए कि यह कदम उनकी बेटी के भविष्य के लिए ठीक नहीं होगा. लड़की को चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (CWC) के सामने पेश किया गया. यहां परिजनों ने एक लिखित बांड पर हस्ताक्षर किए, जिसमें उन्होंने वादा किया कि वे बच्ची की शादी नहीं करेंगे और उसे वयस्क होने तक शिक्षा दिलाने व सुरक्षित माहौल देने की जिम्मेदारी निभाएंगे.
कलेक्टर राहुल कार्डिले ने नागरिकों से अपील की कि वे बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराइयों के खिलाफ जागरूक रहें और इसकी किसी भी तरह की जानकारी छिपाने की बजाय तुरंत साझा करें. शहरी क्षेत्रों में लोग चाइल्ड डेवलपमेंट प्रोजेक्ट ऑफिसर (CDPO) से संपर्क कर सकते हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम सेवक, आंगनबाड़ी सेविका या किसी भी सरकारी कार्यकर्ता के माध्यम से सूचना दी जा सकती है. इसके अलावा चाइल्डलाइन 1098 हर समय सहायता के लिए उपलब्ध है.