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झारखंड: जमशेदपुर से जमताड़ा तक आंखों पर पट्टी बांधकर हुई दौड़, जानें वजह

रांची और जमताड़ा में ब्लाइंडफोल्ड रन फॉर विजन का आयोजन हुआ. आंखों पर पट्टी बांधकर दौड़ लगाई गई ताकि लोग नेत्रहीनों की पीड़ा समझ सकें और आंख दान के महत्व को जानें. आईएमए महिला विंग और आई डोनेशन अवेयरनेस क्लब की इस पहल ने जागरूकता फैलाने के साथ कई परिवारों को आंख दान का संकल्प लेने के लिए प्रेरित किया.

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रांची और जमताड़ा में ब्लाइंडफोल्ड रन फॉर विजन का आयोजन हुआ (Photo: Satyajeet Kumar/ITG).
रांची और जमताड़ा में ब्लाइंडफोल्ड रन फॉर विजन का आयोजन हुआ (Photo: Satyajeet Kumar/ITG).

झारखंड में आंख दान को लेकर एक अनोखी पहल लोगों के दिलों को छू रही है. आईएमए महिला विंग और आई डोनेशन अवेयरनेस क्लब की ओर से आयोजित ब्लाइंडफोल्ड रन फॉर विजन 2025 ने इस साल रांची और जमताड़ा में लोगों को आंखों के महत्व का गहरा संदेश दिया.

7 सितंबर को रांची के सेंट जेवियर्स कॉलेज कैंपस में इस आयोजन का सातवां संस्करण हुआ. प्रतिभागियों ने आंखों पर पट्टी बांधकर दौड़ लगाई ताकि कुछ समय के लिए ही सही, वे नेत्रहीनों के जीवन का अनुभव कर सकें. यह कार्यक्रम 40वें राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा (25 अगस्त से 8 सितंबर) का हिस्सा था.

ब्लाइंडफोल्ड रन फॉर विजन

इस मौके पर वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर मुख्य अतिथि रहे. कार्यक्रम में उन परिवारों को भी सम्मानित किया गया जिन्होंने अपने प्रियजनों की आंखें दान कर दूसरों को रोशनी दी. आयोजन की शुरुआत 2002 में हुई थी और तब से यह आंदोलन बन चुका है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, सीपी राधाकृष्णन और पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन व अर्जुन मुंडा जैसे बड़े नाम भी आंख दान का संकल्प ले चुके हैं.

16 सितंबर को यह पहल जमताड़ा पहुंची. साइबर अपराध के लिए चर्चित इस शहर में पहली बार ब्लाइंडफोल्ड रन का आयोजन हुआ. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने इसे उम्मीद का नया संदेश बताया.

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प्रतिभागियों ने आंखों पर पट्टी बांधकर दौड़ लगाई

आईएमए महिला विंग की अध्यक्ष डॉ. भारती कश्यप ने कहा कि आंख दान से आपकी आंखें दुनिया को दो बार देखती हैं. इसे परिवार की परंपरा बनाएं ताकि हमारी रोशनी हमारे जाने के बाद भी किसी की जिंदगी में उजाला भर सके.
 

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