जम्मू-कश्मीर पुलिस ने श्रीनगर के कई मदरसों और मस्जिदों में छापेमारी की. यह कार्रवाई उस बड़े अभियान का हिस्सा है, जिसके तहत सुरक्षा एजेंसियां आतंकवादी संगठनों से जुड़े व्यक्तियों और नेटवर्क को खत्म करने की कोशिश कर रही हैं.
दिल्ली के लाल किले के पास 10 नवंबर को हुए कार धमाके और “व्हाइट कॉलर” मॉड्यूल के सामने आने के बाद घाटी में ये जांच और तेज़ कर दी गई है. इस आतंकी घटना में 14 लोगों की जान चली गई थी.
अब तक दो धार्मिक प्रचारकों, शोपियां के मौलवी इरफ़ान और हरियाणा के मेवात के मौलवी इश्तियाक को गिरफ्तार किया जा चुका है.
पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक, श्रीनगर पुलिस ने सभी ज़ोन में मदरसों और मस्जिदों की व्यापक जांच की. इन छापेमारियों का उद्देश्य उन जगहों से सबूत जुटाना था जहां किसी भी तरह की संदिग्ध, आतंकी या कट्टरपंथ से जुड़ी गतिविधि की आशंका है.
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तलाशी टीमें कार्यपालक मजिस्ट्रेट और स्वतंत्र गवाहों के साथ पहुंचीं, ताकि हर कदम पूरी तरह कानूनी और पारदर्शी तरीके से हो. तलाशी के दौरान पुलिस ने डिजिटल डिवाइस, दस्तावेज़ और अन्य सामग्री की जांच की.
पुलिस का कहना है कि यह अभियान श्रीनगर में आतंकी समर्थन तंत्र को तोड़ने के लिए लगातार चलाया जा रहा है, ताकि किसी भी तरह की साजिश, शांति भंग या अवैध गतिविधि को रोका जा सके.
एजेंसियों ने साफ किया कि कार्रवाई पूरी तरह कानूनी प्रक्रिया के तहत हुई है और वहां भी जारी रहेगी जहां भी विश्वसनीय जानकारी मिलेगी कि कोई व्यक्ति, सामग्री या गतिविधि आतंकवाद या कट्टरपंथ से जुड़ी हो सकती है.
लाल बाज़ार से मैसूमा तक सर्च ऑपरेशन
श्रीनगर पुलिस ने जमात-ए-इस्लामी (JeI) से जुड़े कुछ लोगों और संगठनों के ठिकानों पर बड़े पैमाने पर गुरुवार को छापेमारी की. पुलिस के मुताबिक, ये सर्च ऑपरेशन उन जगहों पर किए गए जिनके आतंकवाद या चरमपंथ से जुड़े नेटवर्क से संबंध होने की आशंका है.
जिन व्यक्तियों के घरों और परिसरों पर छापे मारे गए, उनमें उमर सुल्तान गुरु, मोहम्मद अब्दुल्ला वानी (स्व. मोहम्मद अकबर वानी के पुत्र), ग़ुलाम मोहम्मद भट, हाजी मोहम्मद रमज़ान लोन, शाहिद ज़हीर, मोहम्मद रमज़ान नाइक, बशीर अहमद लोन, पीर गियास-उद-दीन और नौगाम चौक निवासी मंज़ूर अहमद शामिल हैं.
इसके अलावा कई संस्थानों और परिसरों पर भी कार्रवाई की गई. इनमें जामियात-उल-बनात, कश्मीर यूनिवर्सिटी के कुछ स्थान, उमर कॉलोनी (लाल बाज़ार), राहत मंज़िल (JK यतीम खाना), बाग़-ए-नंद सिंह (छत्ताबल), चिनार पब्लिकेशन ट्रस्ट (मैसूमा) और अल-कौसर बुक स्टोर (मैसूमा) शामिल हैं.
पुलिस का कहना है कि ये तलाशी अभियान सुरक्षा से जुड़े इनपुट्स के आधार पर किया गया है और इसका उद्देश्य किसी भी तरह के आतंकी समर्थन नेटवर्क को खत्म करना है.