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ऑपरेशन सिंदूर में PAK की गोलाबारी से कटा था 'गौरी' का पैर, अब मिली नई जिंदगी

ऑपरेशन सिंदूर में बॉर्डर पर हुई गोलाबारी में घायल गाय ‘गौरी’ को भारत में विकसित कृत्रिम पैर ‘कृष्णा लिंब’ लगाया गया है. यह लिंब देश में एनिमल प्रोस्थेसिस के अग्रणी विशेषज्ञ डॉ. तपेश माथुर ने बनाया है. वे 22 राज्यों में हजारों दिव्यांग पशुओं की मदद कर चुके हैं और जरूरतमंदों को यह सेवा मुफ्त देते हैं. उनके कार्य को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मान मिल चुका है.

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चलने-फिरने की क्षमता लौटाएगा.(Photo: Ashraf Wani/ITG)
चलने-फिरने की क्षमता लौटाएगा.(Photo: Ashraf Wani/ITG)

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जम्मू बॉर्डर पर गोलाबारी में घायल हुई गाय 'गौरी' को अब नया सहारा मिल गया है. उसे भारत में विकसित खास कृत्रिम पैर 'कृष्णा लिंब' लगाया गया है. यह लिंब देश में पशुओं के लिए तैयार किए गए शुरुआती और बेहतरीन कृत्रिम अंगों में से एक माना जाता है. इसे विकसित करने वाले डॉक्टर तपेश माथुर को देश में एनिमल प्रोस्थेसिस के क्षेत्र का अग्रदूत माना जाता है.

जानकारी के मुताबिक, डॉ. माथुर अब तक 22 राज्यों में हजारों दिव्यांग पशुओं को नई जिंदगी दे चुके हैं. सबसे खास बात यह है कि वे जरूरतमंद पशु मालिकों को कृत्रिम पैर बिल्कुल मुफ्त उपलब्ध कराते हैं. उनके काम को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है. ‘गौरी’ को लगा यह नया लिंब न सिर्फ उसकी चलने-फिरने की क्षमता लौटाएगा, बल्कि सीमावर्ती क्षेत्रों में घायल होने वाले अन्य पशुओं के लिए भी उम्मीद का नया रास्ता खोलता है.

जम्मू

यह भी पढ़ें: जम्मू-कश्मीर: स्कूल के पास विस्फोटक जैसा शेल मिलने से हड़कंप, एरिया सील कर जांच शुरू

पहलगाम आतंकी हमला

बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के बैसरन में 22 अप्रैल 2025 को आतंकी हमला हुआ था, जिसमें कई पर्यटक घायल हो गए थे. आतंकवादियों ने सैलानियों के ग्रुप को निशाना बनाया, जिसमें लगभग 26 पर्यटकों की मौत हो गई थी. पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद 26 पर्यटक की जान का बदला लेने के लिए भारत ने पाकिस्तान को सबक सिखाने की ठानी थी. 

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'ऑपरेशन सिंदूर'

इसके बाद 'ऑपरेशन सिंदूर' 7 मई 2025 में हुआ. उस दौरान पाकिस्तानी सेना ने पश्चिमी सीमा पर ड्रोन और अन्य हथियारों से कई हमले किए. लेकिन भारतीय रक्षा बलों ने इन हमलों को पूरी तरह नाकाम कर दिया. बिना पायलट वाले हवाई यान (UAS) ने इस जंग में मुख्य भूमिका निभाई. इस घटना ने भारत को ड्रोन युद्ध की तैयारी और मजबूत करने का संकेत दिया.

 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया

7 मई की रात को शुरू हुए इस ऑपरेशन में भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था. महज 23 मिनट में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के प्रमुख एयरबेस, जैसे नूर खान और रहीम यार खान, को ध्वस्त कर दिया. इस ऑपरेशन में स्वदेशी हथियारों जैसे ब्रह्मोस मिसाइल, आकाश एयर डिफेंस सिस्टम और लॉइटरिंग म्यूनिशन का उपयोग किया गया, जिसने भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता को दुनिया के सामने प्रदर्शित किया था.

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