महाराष्ट्र सरकार से हुए पंगे के बाद बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत ने उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा. इस दौरान उन्होंने पीओके से लेकर कश्मीर पंडित तक जैसे शब्दों को अपना औजार बनाया और उनका इस्तेमाल किया. मुंबई में अपने दफ्तर पर बीएमसी का बुलडोजर चलने के बाद कंगना रनौत ने एक वीडियो जारी किया और कहा, "...और मुझे लगता है कि तुमने (उद्धव ठाकरे) मुझ पर बहुत बड़ा अहसान किया है. क्योंकि मुझे पता तो था कि कश्मीरी पंडितों पर क्या बीती होगी. आज मैंने महसूस किया है और आज मैं इस देश को वचन देती हूं कि मैं सिर्फ अयोध्या पर ही नहीं, कश्मीर पर भी एक फिल्म बनाऊंगी. और अपने देशवासियों को जगाऊंगी."
मगर कंगना रनौत ने अपने बचाव में जिस तरह से कश्मीर शब्द का इस्तेमाल किया, उसे लेकर जम्मू-कश्मीर में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली. जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम और पीडीपी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने कंगना की टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की.
इल्तिजा मुफ्ती ने ट्वीट किया, 'पीओके का इस्तेमाल लोकतंत्र और कानून के शासन की हत्या को उजागर करने के लिए एक उदाहरण के रूप में क्यों किया? जम्मू-कश्मीर को करीब से देखो, जहां कानून-व्यवस्था नदारद है. जहां राज्य प्रायोजित दमन है. लोकतंत्र की तो कब की हत्या हो चुकी है.' जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म किए जाने के बाद से महबूबा मुफ्ती पिछले एक साल से ज्यादा समय से हिरासत में हैं.
Why use PoK as an example to highlight murder of democracy & rule of law? Look closer home at J&K mired in lawlessness & state sponsored repression.Democracy was butchered here long ago
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) September 9, 2020
यहां तक कि घाटी में रहने वाले कश्मीरी पंडित समुदाय के सदस्यों का कंगना के रवैये पर कहना है कि उनकी दुर्दशा का इस्तेमाल बिना किसी वजह के किया जा रहा है. श्रीनगर में रहने वाले कश्मीरी पंडित संजय टिक्कू कहते हैं, 'कश्मीरी पंडितों और उनके (कंगना) ऑफिस के बीच क्या रिश्ता है? हर कोई अपने फायदे के लिए इन दिनों कश्मीरी पंडितों के दुखों का इस्तेमाल कर रहा है. दुर्भाग्य से हममें से ही कुछ ऐसे लोग हैं जो दूसरों के इन सब चीजों के लिए स्पेस दे रहे हैं, अन्यथा हमने जो भुगता है उसे कोई समझ नहीं पाएगा. मैं कंगना और अपने मुद्दों (कंश्मीरी पंडितों) के बीच कोई प्रासंगिकता नहीं देखता.'
कश्मीर के राजनीतिक टिप्पणीकार माजिद हैदरी भी इसे अनावश्यक मान रहे हैं. माजिद हैदरी ने कहा, 'अपने अवैध निर्माण को ढहाए जाने को कश्मीरी पंडितों के दर्द से जोड़कर उन्होंने (कंगना) ने कश्मीरी पंडितों के घाव में एक और अपमान जोड़ दिया है. कश्मीरी पंडितों ने कुछ भी अवैध काम नहीं किया और चुपचाप अपनी पीड़ा को सहते रहे. लेकिन कंगना अपने गैरकानूनी कामों को ग्लैमराइज कर रही हैं.'
गौरतलब है कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत मामले में महाराष्ट्र सरकार की जांच पर सवाल उठाए जाने के साथ शुरू हुआ विवाद यहां तक पहुंच चुका है. कंगना रनौत ने कहा था कि वह मुंबई में सुरक्षित फील नहीं करती हैं और उन्होंने मुंबई को 'कश्मीर अधिकृत कश्मीर' POK करार दिया था. इसके बाद शिवसेना के कई नेताओं ने कंगना के इस बयान की कड़ी निंदा की थी. तब से कंगना और महाराष्ट्र सरकार के बीच यह जंग जारी है.