हिमाचल प्रदेश में हिम तेंदुए की संख्या में बढ़ोतरी हुई है और अब यह 83 हो गई है. राज्य में पहली बार पल्लास बिल्ली और उड़ने वाली गिलहरी की मौजदगी भी दर्ज की गई. वन्य विशेषज्ञों के अनुसार यह संकेत है कि हिमाचल का इकोसिस्टम स्वस्थ और अनुकूल है.
हिमाचल प्रदेश वन विभाग के सहायक अरण्यपाल देवेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि पूरी दुनिया के 12 देशों में स्नोलपर्ड पाए जाते हैं और उनकी संख्या लगभग 4000 से 6000 के बीच है. हिमाचल प्रदेश में यह उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में लगभग 26 हजार वर्ग किलोमीटर में पाए जाते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि स्नोलपर्ड संरक्षण के लिए लोकल कम्युनिटी के साथ मिलकर कई महत्वपूर्ण कार्य किए गए हैं.
हिम तेंदुए की संख्या बढ़कर 83 हुई
स्पीति वैली में वन्यजीव विभाग के प्रयासों से हिमाचल प्रदेश में स्नोलपर्ड संरक्षण एक उदाहरण बन गया है. देवेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि हिमाचल में स्नोलपर्ड समुद्र तल से 3800 मीटर तक की ऊंचाई में पाए जाते हैं और 5300 मीटर तक के इलाके में कई बार इनकी तस्वीरें भी सामने आई हैं.
हिमाचल का इकोसिस्टम स्वस्थ और अनुकूल
पल्लास बिल्ली की हिमाचल में पहचान एक सकारात्मक संकेत है. इससे पता चलता है कि राज्य का इकोसिस्टम इस प्रजाति के लिए अनुकूल है. इसी तरह उड़ने वाली गिलहरी को भी स्पीति वैली में देखा गया. वन्यप्राणी सप्ताह हर साल 2 से 8 अक्तूबर तक मनाया जाता है. इस दौरान बच्चों और नागरिकों को जागरूक करने के लिए पेंटिंग, निबंध, फोटोग्राफी, भाषण, डिबेट, छोटी पैदल यात्रा और बर्ड वॉचिंग जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.