फैंसी नंबर के लिए हरियाणा परिवहन विभाग की ओर से परिवहन पोर्टल पर बोली दाताओं को आमंत्रित किया गया था. जिसमें 45 लोगों ने बोली लगाई थी. हिसार के सुधीर कुमार ने भी वीआईपी नंबर के लिए बोली लगाई थी. बोली एक करोड़ सत्रह लाख में फाइनल हुई थी. पोर्टल पर सुधीर कुमार का नाम आया था लेकिन सुधीर इसकी रकम नहीं दिए. जिसके बाद उनका नंबर विभाग ने रद्द कर दिया था. बाद में परिवहन मंत्री अनिल विज ने कहा था कि इस मामले में जिसने बोली लगाई है, उसकी संपत्ति की जांच करवाई जाएगी.
राज्य में हाल ही में एचआर 88 बी 8888 नंबर के लिए लगाई गई थी बोली
हरियाणा के परिवहन मंत्री अनिल विज ने कहा कि राज्य में हाल ही में एचआर 88 बी 8888 नंबर के लिए ऑनलाइन नीलामी के दौरान किसी व्यक्ति ने 1 करोड़ 17 लाख रुपए की सबसे ऊंची बोली लगाई थी. लेकिन बोली लगाने के बाद उस व्यक्ति ने अपनी सुरक्षा राशि जब्त होने दी, इसलिए इस संबंध में उस व्यक्ति की संपति और आय की जांच करवाई जाएगी. और देखा जाएगा कि वास्वत में उस व्यक्ति की आर्थिक क्षमता एक करोड़ 17 लाख रुपए की बोली लगाने की है या नहीं.
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मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए मंत्री अनिल विज ने बताया कि राज्य में फैंसी और वीआईपी वाहन नंबर नीलामी प्रणाली से आवंटित किए जाते हैं. कई लोग बड़ी-बड़ी बोलियां लगाकर इन नंबरों को खरीदने की कोशिश करते हैं. यह न केवल प्रतिष्ठा का विषय होता है, बल्कि सरकार की राजस्व वृद्धि में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है. उन्होंने बताया कि हाल ही में एचआर 88 बी 8888 नंबर के लिए ऑनलाइन नीलामी के दौरान किसी व्यक्ति ने 1 करोड़ 17 लाख रुपए की सबसे ऊंची बोली लगाई थी. लेकिन बोली लगाने के बाद उस व्यक्ति ने अपनी सुरक्षा राशि जब्त होने दी. जिससे यह स्पष्ट होता है कि बोली लगाना सिर्फ शौक बनता जा रहा है, न कि जिम्मेदारी.
व्यक्ति की आय और संपत्ति की होगी जांच, आयकर विभाग को पत्र भेजा जाएगा
परिवहन मंत्री ने कहा कि मैंने परिवहन अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि जिस व्यक्ति ने यह बोली लगाई, उसकी संपत्ति और आय की पूरी जांच करवाई जाए. यह देखा जाए कि वास्तव में उस व्यक्ति की आर्थिक क्षमता 1 करोड़ 17 लाख रुपये की बोली लगाने की है भी या नहीं. उन्होंने आगे बताया कि इस संबंध में आयकर विभाग को भी पत्र भेजकर विस्तृत जांच के लिए कहा जा रहा है, ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति गलत जानकारी या बिना आर्थिक क्षमता के बोली न लगा सके.
आपको बता दें कि चरखी दादरी के बाढ़ड़ा उपमंडल के ‘HR88B8888’ नंबर के लिए ऑनलाइन ऑक्शन हुई थी. इस नंबर की नीलामी 1 करोड़ 17 लाख रुपये में तक हुई थी और हिसार के एक व्यक्ति ने यह बोली लगाई थी और 11 हजार सुरक्षा राशि जमा कराई थी. मगर बोली के पैसे जमा करवाने के आखिरी दिन उसने पैसे जमा नहीं करवाए.
नंबर नहीं लेने पर सुधीर ने दी सफाई
हिसार में परिवहन विभाग से 1 करोड़ 17 सत्रह लाख का VIP नंबर लेने वाले सुधीर कुमार ने अपना स्पीकरण जारी किया है. सुधीर ने कहा कि वे पिछले काफी समय से बेंगलुरु में काम रहे हैं और हिसार में उनका घर है. सुधीर कुमार ने कहा कि मैंने वीआईपी नंबर लेने के लिए बीड लगाई थी. यह पहला नंबर नहीं, इससे पहले भी मैंने वीआईपी नंबर लेने के लिए बीड लगाई थी. उन्होंने कहा कि हमारे ज्योतिषी ने कहा कि यह वीआईपी नंबर आपके लिए लकी साबित हो सकता है. यह नंबर आपके लिए अच्छा रहेगा.
सुधीर ने कहा कि मैंने दो VIP नंबर के लिए बोली लगाई थी. कुछ पेमेंट भी कर दी थी और नंबर लेने के लिए ट्राई भी किया था. लेकिन समय भी बीत गया था. जिस दिन हमारा अल्टीमेट रद्द हुआ. उस समय मैं किसी काम से व्यस्त था. मीडिया के माध्यम से पता हुआ था कि वह नंबर रद्द हो गया है. दूसरे नंबर के लिए हमने पूरा पेमेंट कर दिया है.
संपत्ति जांच पर भी आया सुधीर का बयान
1 करोड़ सत्रह लाख का नंबर लेने वाले सुधीर की संपत्ति की जांच कराने का मंत्री अनिल विज ने आदेश दिया है. इस पर सुधीर ने कहा कि कहा हम सरकार को अपना समर्थन करते हैं. हम सरकार को अपनी तरफ से पूरा सहयोग करेंगे. उन्होंने कहा कि इस बोली में 45 लोगों ने बोली लगाई थी. हमने एक करोड़ सत्रह लाख की बोली लगाई. इससे पहले एक करोड़ सोलह लाख की भी बोली थी और जिसमें बोली दाता कई थे.
सुधार के लीगल एडवाइजर एडवोकेट सुनील कुमार ने कहा सुधीर आईटी कंपनी से जुड़े हुए हैं. सुधीर ने बिटस पिलानी से मास्टर किया है. पिछले चौदह साल से बेंगलुरु में रहे हैं और जॉब कर रहे हैं. पहले वह एक टीम मेंबर की तरह काम करते थे. वहीं अब आईटी कंपनी में डायरेक्टर के तौर पर काम कर रहे हैं. उनके परिवार के कई अन्य लोग बिजनेसमैन हैं. उन्होंने बताया कि सुधीर ने पहले भी वीआई नंबर लिए हुए थे. इस बार दो बोली लगाई थी.
परिवहन मंत्री अनिल विज को लगा कि सुधीर नंबर लेने के अपना दिखावा कर रहे हैं या विभाग से कुछ स्टैंट कर रहे हैं. लेकिन ऐसा कुछ नहीं है. वे आईटी कंपनी के डायरेक्टर हैं और इनके इनकम के सोर्स काफी अच्छे हैं. इनके परिवार के सदस्य बिजमैन हैं. लीगल एडवाइजर ने कहा कि सरकार किसी तरह की जांच करना चाहे तो सुधीर पूरा सहयोग करेंगे.