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भारत-चीन पर पुतिन के बयान ने बटोरी सुर्खियां, आजतक के इंटरव्यू की चीनी मीडिया में भी चर्चा

चीनी सरकारी मीडिया ने शुक्रवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के उन बयानों को प्रमुखता दी, जिनमें उन्होंने भारत और चीन को रूस का सबसे करीबी दोस्त बताया है. पुतिन ने कहा कि रूस को दोनों देशों के आपसी रिश्तों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं. चीन ने पुतिन की भारत यात्रा पर अब तक आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन वह नतीजों पर नजर रखे हुए है.

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रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Photo: ITG)
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Photo: ITG)

शुक्रवार को चीन के सरकारी मीडिया ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के उस बयान को खास तौर पर जगह दी, जिसमें उन्होंने भारत और चीन को रूस का सबसे करीबी दोस्त बताया. हालांकि चीन ने पुतिन की भारत यात्रा पर अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन वह इस दौरे के नतीजों को ध्यान से देख रहा है.

चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में 'आजतक' को दिए पुतिन के उस इंटरव्यू का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कहा कि भारत और चीन दोनों रूस के करीबी हैं और रूस को उनके आपसी रिश्तों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि भारत और चीन हमारे सबसे करीबी दोस्त हैं. हम इस रिश्ते को बहुत महत्व देते हैं. और हमें आपके द्विपक्षीय रिश्तों में दखल देने का अधिकार नहीं है.

पुतिन के भारत दौरे पर चीन की खास नजर

ग्लोबल टाइम्स ने यह भी बताया कि पुतिन को भरोसा है कि भारत और चीन के नेता आपसी मुद्दों का हल खुद निकालने की क्षमता रखते हैं. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के नेता समझदार हैं और बातचीत के जरिए समाधान निकाल सकते हैं.

रूसी एजेंसी तास के अनुसार, पुतिन ने अमेरिका द्वारा लगाए गए आरोपों को भी खारिज किया, जिनमें कहा गया था कि भारत रूस से बड़ी मात्रा में तेल खरीद रहा है. पुतिन ने कहा कि जब अमेरिका रूस से ईंधन खरीद सकता है, तो भारत क्यों नहीं. उन्होंने कहा कि अगर अमेरिका को हमारा ईंधन खरीदने का अधिकार है, तो भारत क्यों नहीं.

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ग्लोबल टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट ने खास महत्व दिया

इसी बीच, चीन खुद भी रूस से सबसे ज्यादा तेल और गैस खरीदने वाले देशों में शामिल है और उसने अमेरिका के उन आग्रहों को नजरअंदाज कर दिया है, जिनमें रूस से आयात रोकने को कहा गया था. पुतिन की भारत यात्रा से कुछ दिन पहले ही चीन और रूस ने अपनी वार्षिक रणनीतिक बातचीत की, जिसमें दोनों देशों ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र और सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा की. चीन के विदेश मंत्रालय के अनुसार, दोनों पक्ष कई अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर सहमत हुए और रणनीतिक स्थिरता बनाए रखने पर जोर दिया.

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