scorecardresearch
 

लश्कर-ए-तैयबा का ‘नेक्स्ट-जनरेशन’ प्लान आया सामने, लाहौर में एक मंच पर दिखे तल्हा सईद, कसूरी और हाशिमी

लाहौर में लश्कर-ए-तैयबा का नया मॉड्यूल खुलकर सामने आया जहां हाफिज सईद का बेटा तल्हा सईद, पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड सैफुल्लाह कसूरी और प्रतिबंधित आतंकी मुजम्मिल हाशिमी एक ही मंच पर दिखे. मरकजी मुस्लिम लीग के इंट्रा-पार्टी चुनाव की आड़ में नई पीढ़ी के जिहादियों को तैयार करने की बड़ी साजिश के संकेत मिल रहे हैं.

Advertisement
X
लाहौर में लश्कर-ए-तैयबा का नया मॉड्यूल आया सामने (Photo: Screengrab)
लाहौर में लश्कर-ए-तैयबा का नया मॉड्यूल आया सामने (Photo: Screengrab)

लाहौर में लश्कर-ए-तैयबा का एक बड़ा और चौंकाने वाला गतिविधि मॉड्यूल सामने आया है. हाफिज सईद के इस आतंकी संगठन ने अब नई पीढ़ी के जिहादियों को तैयार करने का अभियान शुरू कर दिया है, और इसके लिए इस्तेमाल हो रहा है उसका ही राजनीतिक विंग पाकिस्तान मरकजी मुस्लिम लीग (MML).  यह पूरा आयोजन चुनावी प्रक्रिया का हिस्सा बताया गया, लेकिन मंच पर मौजूद चेहरे एक अलग ही कहानी बयां करते हैं.

लाहौर में हुए एक कार्यक्रम में तीन बड़े और कुख्यात चेहरे एक साथ दिखे

पहला, हाफिज सईद का बेटा हाफिज तल्हा सईद, दूसरा, पहलगाम आतंकी हमले का मास्टरमाइंड सैफुल्लाह कसूरी और तीसरा, अमेरिकी पाबंदियों की सूची में शामिल आतंकी मुजम्मिल इकबाल हाशिमी. इन तीनों का एक साथ मंच पर होना बताता है कि पाकिस्तान में आतंक को नई धार देने की तैयारी चल रही है. संकेत साफ हैं कि नई पीढ़ी के युवाओं को आतंक की राह पर धकेला जा रहा है और इसके लिए राजनीतिक दल का मुखौटा इस्तेमाल किया जा रहा है.

पाकिस्तान नई आतंकवादी फौज खड़ी करने की तैयारी में जुटा

दूसरी ओर, मरकजी मुस्लिम लीग ने दावा किया कि लाहौर की 16 यूनियन काउंसिल में इंट्रा-पार्टी चुनाव का तीसरा चरण पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा. उनके अनुसार, कुल 39 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा और 16 अध्यक्ष चुने गए. पार्टी इस पूरे आयोजन को एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया बताने की कोशिश कर रही है. लेकिन मंच पर मौजूद आतंकी चेहरों की सूची इस दावे को कमजोर करती है. यह साफ संकेत है कि पाकिस्तान एक बार फिर राजनीतिक मंच का सहारा लेकर नई आतंकवादी फौज खड़ी करने की तैयारी में जुटा है.

Advertisement

बता दें, लाहौर में हुआ यह जमावड़ा सिर्फ एक चुनावी गतिविधि नहीं, बल्कि आने वाले समय में बढ़ सकते खतरे की चेतावनी भी है. यह दिखाता है कि आतंक फैलाने वाले संगठन अब राजनीतिक रास्तों का इस्तेमाल करके खुद को मजबूत कर रहे हैं और युवाओं को अपने मकसद के लिए तैयार कर रहे हैं.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement