नई दिल्ली ब्लास्ट में जान गंवाने वाले दवा कारोबारी अमर कटारिया का अंतिम संस्कार मंगलवार को दिल्ली के कालकाजी श्मशान घाट पर किया गया. अमर दिल्ली के श्रीनिवास पुरी के रहने वाले थे और भागीरथ पैलेस में दवा की होलसेल की दुकान चलाते थे. उनके निधन के शोक में भागीरथ पैलेस और लाजपत राय मार्केट भी बंद रहे.
दरअसल, 34 साल के अमर कटारिया सोमवार शाम को अपनी होलसेल की दुकान से घर वापस लौट रहे थे, तभी वह हादसे का शिकार हो गए. वह अपने घर के इकलौते वारिस थे और अपने पीछे अपनी पत्नी और तीन साल के मासूम बेटे को छोड़ गए हैं.
अंतिम विदाई देने आए उनके दोस्तों ने भारी मन से कहा कि अमर हंसमुख और जिंदादिल इंसान था. वह 'यारों का यार' था. अमर के जाने से उनके परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है.
पिता जगदीश कटारिया और मां के आगे अब जिंदगी अंधेरी सुरंग जैसी है. वहीं, 4 साल पहले आई दुल्हन के आगे अब अंधेरा सा छा गया है. इसके अलावा मासूम बेटे के सिर से भी पिता का साया उठ चुका है.
अंतिम संस्कार में जुटे लोग
कालकाजी श्मशान घाट पर आयोजित अंतिम संस्कार में क्षेत्र के बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे और अमर कटारिया को अश्रुपूरित विदाई दी गई.
सांसद का आश्वासन
दक्षिणी दिल्ली के सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी और एमसीडी के स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य राजपाल सिंह भी मौजूद रहे. सांसद ने इस दौरान कहा कि इस कृत्य के पीछे जो लोग हैं, वे बख्शे नहीं जाएंगे और देश के गृह मंत्री ने घटनास्थल का दौरा किया है.
राजपाल सिंह का बयान
स्टैंडिंग कमेटी सदस्य राजपाल सिंह ने कहा, "अमर कटारिया हमारे परिवार का बच्चा था, इकलौता घर का वारिस था, जो इस दुखद हादसे में चला गया है."
बिजनेस पार्टनर के पिता का बयान
अमर के बिजनेस पार्टनर के पिता गोविंद लाल ने बताया कि अमर शाम 7 बजे दुकान से मेट्रो से श्रीनिवास पुरी आने के लिए निकला था, तभी यह हादसा हुआ और गर्दन में कुछ लगने से उसकी मौत हो गई. अमर की मौत ने उनके दोस्तों, परिजनों और पूरे कारोबारी समुदाय को झकझोर कर रख दिया है.