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ISIS नेटवर्क में फंसे छत्तीसगढ़ के दो नाबालिग, ATS ने पकड़ा... PAK आधारित मॉड्यूल कर रहा था ब्रेनवॉश

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में राज्य की एंटी-टेररिज्म स्क्वाड ने दो नाबालिग लड़कों को ISIS से कनेक्शन के आरोप में कस्टडी में लिया है. जांच में पता चला कि पाकिस्तान में बैठे ISIS मॉड्यूल सोशल मीडिया के जरिए भारतीय किशोरों को निशाना बना रहे थे और उन्हें कट्टरपंथी बनाने की कोशिश कर रहे थे. छत्तीसगढ़ में ऐसा पहला मामला है, जिसने सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट कर दिया है.

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एटीएस ने दो नाबालिगों को पकड़ा. (Photo: Representational)
एटीएस ने दो नाबालिगों को पकड़ा. (Photo: Representational)

छत्तीसगढ़ की एंटी-टेररिज्म स्क्वाड (ATS) ने राजधानी रायपुर से दो नाबालिगों को आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (ISIS) से कनेक्शन होने के आरोप में पकड़ा है. डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा कि दोनों लड़के पाकिस्तान में एक्टिव ISIS मॉड्यूल के निर्देश पर काम कर रहे थे और सोशल मीडिया पर फर्जी आईडी का इस्तेमाल कर कट्टरपंथी गतिविधियों में शामिल थे.

गृह मंत्रालय का भी प्रभार संभाल रहे शर्मा ने कहा कि ATS की जांच के बाद यह कार्रवाई की गई. उन्होंने बताया कि दोनों आरोपी सोशल मीडिया पर फर्जी आईडी के जरिए ISIS के नाम पर एक्टिव थे और खुद कट्टरपंथी सामग्री से प्रभावित होकर दूसरों को भी प्रभावित करने की कोशिश कर रहे थे. 

ATS ने दोनों नाबालिगों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम UAPA, 1967 के तहत कार्रवाई की है. विजय शर्मा ने कहा कि यह छत्तीसगढ़ में इस तरह का पहला मामला है और पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि क्या राज्य में ऐसे और भी युवा इस नेटवर्क से जुड़े हुए हैं. ATS को और मजबूत किया जा रहा है. रायपुर समेत छत्तीसगढ़ के अन्य बड़े शहरों में ATS टीम का विस्तार किया जाएगा. ऐसे किसी भी व्यक्ति को चिह्नित कर कार्रवाई की जाएगी. मैं मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से भी ATS को और मजबूत करने के लिए अनुरोध करूंगा.

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डिप्टी सीएम ने लोगों से अपील की कि सोशल मीडिया पर किसी भी तरह की संदिग्ध या राष्ट्रविरोधी सामग्री दिखने पर तुरंत पुलिस को सूचित करें. पुलिस अधिकारियों के अनुसार, ATS की साइबर टीम ने दोनों नाबालिगों की ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर रखी और उनकी पहचान की. जांच में पाया गया कि पाकिस्तान में एक्टिव ISIS मॉड्यूल भारत को अस्थिर करने और आंतरिक सुरक्षा को कमजोर करने के लिए सोशल मीडिया पर फेक अकाउंट से कट्टरपंथी सामग्री शेयर कर रहा था.

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तान से संचालित ये हैंडल इंस्टाग्राम के जरिए भारतीय किशोरों और युवाओं को निशाना बना रहे थे. पाकिस्तानी हैंडलर उन्हें ग्रुप चैट में जोड़ते थे, फिर कट्टरपंथी विचारधारा दी जाती थी. इसके बाद उन्हें ISIS की गतिविधियों से जुड़ी हिंसक सामग्री और प्रोपेगेंडा फैलाने के लिए कहा जाता था.

जांच में यह भी सामने आया कि दोनों नाबालिगों को छत्तीसगढ़ में एक स्थानीय ISIS मॉड्यूल खड़ा करने के लिए उकसाया जा रहा था. ATS और अन्य सुरक्षा एजेंसियों द्वारा लगातार साइबर मॉनिटरिंग किए जाने के कारण इन दोनों तक पहुंच संभव हो पाई और उन्हें पकड़ा जा सका.

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तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जा रही है. फिलहाल पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या राज्य में और कोई किशोर या युवक इस मॉड्यूल के संपर्क में थे या ऑनलाइन रैडिकलाइज किए जा रहे थे. इस पूरे मामले ने सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट कर दिया है, खासकर इसलिए क्योंकि यह पहली बार है जब छत्तीसगढ़ में ISIS के प्रभाव का ऐसा मामला सामने आया है.

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