बिहार में अपराध की नई-नई वारदातों के कारण नीतीश सरकार पर कानून-व्यवस्था को लेकर सवाल उठने तेज हो गए हैं. 24 घंटे के अंदर बिहार में बीजेपी के दो नेताओं की हत्या ने प्रशासनित व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है. पहले छपरा में बीजेपी नेता केदार सिंह की हत्या के बाद शुक्रवार को भोजपुर में बीजेपी नेता विशेश्वर ओझा की गोलीमार कर हत्या कर दी गई. विशेश्वर ओझा पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ कुचे थे और बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष थे.
सोनवर्षा बाजार में मारी गई गोली
विशेश्वर ओझा राज्य बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष थे और उन्होंने पिछले साल के बिहार विधानसभा चुनाव में शाहपुर सीट से चुनाव लड़ा था. पुलिस ने बताया कि भोजपुर के सोनवर्षा बाजार में ओझा को गोली मार दी गई. गोली लगने के बाद उन्हें पटना स्थित पीएमसीएच ले जाया जा रहा था, इसी दौरान उनकी मौत हो गई. बीजेपी ने जल्द से जल्द दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की है. पार्टी नेता मंगल पांडे ने चेतावनी दी है कि अगर 72 घंटों के दौरान दोषियों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो आंदोलन किया जाएगा.
पूर्व विधायक के परिवार से
बता दें कि विशेश्वर ओझा के अलावा उनके भाई मुक्तेश्वर ओझा की पत्नी मुन्नी देवी भी बीजेपी नेता हैं और वह भी शाहपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुकी हैं. 2015 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से आरजेडी नेता राहुल तिवारी की जीत हुई है. राहुल तिवारी बिहार के प्रमुख नेता शिवानंद तिवारी के बेटे हैं.
बीजेपी के टिकट पर लड़े थे चुनावचुनाव
विशेश्वर ओझा 2015 के विधानसभा चुनाव में शाहपुर से बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़े थे और हार गए थे. 2005 और 2010 में उनकी रिश्तेदार मुन्नी देवी बीजेपी की विधायक थी.
आपराधिक बैकग्राउंड
पुलिस के अनुसार विशेश्वर ओझा पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं और आपसी रंजिश को हत्या के पीछे वजह बताया जा रहा है.
विशेश्वर ओझा की दायारा के इलाके में शिवाजीत मिश्रा से पुरानी दुश्मनी रही है. बताया जा रहा है कि हथियारबंद अपराधियों ने विशेश्वर ओझा पर उस वक्त अंधाधुंध फायरिंग की जब वो अपनी सफारी से लौट रहे थे. अपराधियों ने विशेश्वर की गा़ड़ी को सोनवर्षा इलाके में जो कि उनके पुराने दुश्मन शिवाजीत मिश्रा का इलाका है अंधाधुंध फायरिंग की.
केदार सिंह की छपरा में हुई थी हत्या
इससे पहले बिहार के छपरा जिले के तरैया थाना के गंडार पुल के निकट गुरुवार की रात अपराधियों ने भाजपा नेता केदार सिंह की गोली मार कर हत्या की दी थी. केदार सिंह गुरुवार की शाम बाइक से मशरख के बंगरा स्थित अपनी बहन के घर गये थे. रात्रि में घर वापसी के दौरान पहले से घात लगाये अपराधियों ने गंडार पुल के निकट उनपर हमला बोल दिया और गोली मार उनकी हत्या कर दी. बाद में राहगीरों ने सड़क पर उन्हें खून से लथपथ पड़े हालत में देखा और शोर मचाना शुरू कर दिया.
एक हफ्ते में तीन एनडीए नेताओं की हत्या
बीजेपी नेता गिरिराज सिंह ने नीतीश सरकार पर कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर विफल होने का आरोप लगाया. और कहा कि प्रदेश में कोई व्यवस्था ही नहीं है और अपराधियों को खुली छूट मिली हुई है.
शाहनवाज हुसैन ने कहा कि 24 घंटे के अंदर राज्य में दो बीजेपी नेताओं की हत्या अपराधियों को मिले प्रश्रय का परिणाम है. पहले केदार सिंह की हत्या और अब विशेश्वर ओझा की हत्या. गौरतलब है कि इससे पहले 6 फरवरी को वैशाली में एनडीए से सहयोगी दल एलजेपी से जुड़े वैजनाथी सिंह की हत्या कर दी गई थी.
बीेजेपी ने राजनीतिक हत्या बताया
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पाण्डेय ने इसे राजनीतिक हत्या बताया है और कहा कि अपराधी बिहार में बेलगाम हो गए है. अपराधियों को संरक्षण देने वाले लोगों के साथ हाथ मिला लिया है, इसलिए अपराधियों का मनोबल बढ़ गया है. मंगल पांडे ने कहा कि बिहार में हत्या हो रही है, और मुख्यमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेसिंग कर नौटंकी कर रहे हैं. इस हत्या की सीबीआई जांच होनी चाहिए.
इस हत्या के बाद बीजेपी की सहयोगी पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी ने राज्य की कानून पर सवाल खड़े किए. पार्टी नेता चिराग पासवान ने कहा कि यह राज्य में जंगलराज की वापसी को दिखाता है.
CM must answer or there is no option left but President's rule: Chirag Paswan, LJP on BJP leader killing in Bihar pic.twitter.com/ZC9QZPwz4i
— ANI (@ANI_news) February 12, 2016
कानून-व्यवस्था पर सवालिया निशान
हाल के दिनों में बिहार में बढ़ते आपराधिक मामलों ने जेडीयू-आरजेडी सरकार पर कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर सवालिया निशान खड़े किए हैं. इससे पहले 6 फरवरी को बिहार के वैशाली जिले के फतेहपुर पंचायत के पूर्व मुखिया बैजनाथी सिंह की हत्या कर दी गई थी. उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के इलाके में दिनदहाड़े हुई इस हत्या के बाद राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई. मामले की जांच लेकर शनिवार को विशेष जांच टीम (एसआईटी) का भी गठन किया गया है.
बैजनाथी सिंह की हत्या की जांच जारी
बैजनाथी सिंह मामले में एसआईटी गठित
पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मनु महाराज ने बताया कि बैजनाथी सिंह हत्याकांड मामले की जांच और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पटना पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) ललित मोहन के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया है. उन्होंने दावा किया कि जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा.