दरअसल, कुछ समय पहले हुई स्टडी के मुताबिक, रात में आर्टिफिशिअल लाइट में सोने से शरीर पर नेगेटिव असर हो सकता है. यह स्टडी शिकागो में नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने की है. उन्होंने सोते समय विभिन्न प्रकार की रोशनियों से होने वाले जोखिम पर रिसर्च की है. रिसर्च में पाया एक रात भी कृत्रिम रोशनी में सोने से ग्लूकोज का लेवल बढ़ने लगता है. मेटबॉलिज्म बिगड़ने लगता है और हृदय रोग, डायबिटीज, मेटाबॉलिक सिंड्रोम का जोखिम बढ़ सकता है.