scorecardresearch
 

Corona: नए वैरिएंट ओमिक्रॉन से भारत में हो सकती हैं इतनी मौतें, एक्सपर्ट ने जताई आशंका

Omicron covid 19 cases in India: मिशिगन विश्वविद्यालय में बायोस्टैटिस्टिक्स की प्रोफेसर भ्रमर मुखर्जी ने भारत में ओमिक्रॉन और कोरोना की स्थिति को लेकर चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि देश कोविड-19 के तूफान में फंस चुका है. उन्होंने आगाह करते हुए कहा कि अगर अभी भी इस वैरिएंट को अधिक खतरनाक न मानते हुए सभी नियमो को ताक पर रखेंगे तो जाहिर सी बात है यह भीषण रूप ले लेगा.

Advertisement
X
Image Credit : Pixabay
Image Credit : Pixabay
स्टोरी हाइलाइट्स
  • भारत में तेजी से फैल रहा है संक्रमण
  • ओमिक्रॉन की रफ्तार काफी तेज है
  • प्रोफेसर भ्रमर मुखर्जी ने जताई चिंता

भारत में कोविड -19 के केसों (covid-19 cases) में काफी उछाल आया है. भारत में 7 महीने बाद 1.17 लाख केस सामने आए हैं. डेल्टा वैरिएंट (Delta variant) के बाद अब ओमिक्रॉन वैरिएंट (Omicron variant) भी तेजी से पैर पसार रहा है और इसके 3 हजार से ज्यादा केस हो गए हैं. ओमिक्रॉन की वजह से देश में कोरोना की तीसरी लहर आ गई है और कई राज्यों में स्थिति चुनौतीपूर्ण नजर आ रही है.

हाल ही में मिशिगन विश्वविद्यालय में बायोस्टैटिस्टिक्स की प्रोफेसर भ्रमर मुखर्जी (Bhramar Mukherjee) ने भारत में कोरोना की स्थिति को लेकर चिंता जताई है. प्रोफेसर भ्रमर मुखर्जी पिछले लगभग 2 सालों से भारत के कोविड -19 महामारी ( Covid-19 epidemic) पर नजर रख रही हैं. 

उन्होंने टेलिग्राफ को दिए एक इंटरव्यू में कहा है कि "देश कोविड-19 के तूफान से घिर चुका है. हमारे मॉडल के मुताबिक, भारत में ओमिक्रॉन के बहुत ज्यादा मामले आने वाले हैं. हम ये मान रहे हैं कि भारत में जिन लोगों को कम से कम वैक्सीन की एक डोज लगी है या फिर जो लोग पहले भी संक्रमित हो चुके हैं, उनमें से 50 प्रतिशत लोग ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित हो सकते हैं.”

देश में ओमिक्रॉन से मौतें

भ्रमर मुखर्जी ने आगे कहा कि दक्षिण अफ्रीका की स्थिति के आधार पर कहें तो भारत में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जितनी मौतें हुईं, उसकी 30 से 50 प्रतिशत मौतें ओमिक्रॉन से हो सकती हैं. 

Advertisement

प्रोफेसर मुखर्जी ने कहा, भारत के लिए अच्छी बात ये है कि यहां काफी लोगों को वैक्सीन की एक या दो डोज लग चुकी हैं और काफी सारे लोग पहले भी कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं, हमारे अनुमान के मुताबिक, ऐसे लोगों की संख्या 40 फीसदी है. यानी बिना बूस्टर डोज के भी तमाम लोग ओमिक्रॉन से संक्रमित होने पर आसानी से रिकवर हो जाएंगे. हो सकता है कि वैक्सीनेशन के कारण ओमिक्रॉन वाले संक्रमितों को हॉस्पिटल में भर्ती न होना पड़े. मुखर्जी ने कहा, लेकिन इनमें से तमाम उम्मीदें केवल अनुमान पर आधारित हैं, इनमें से कई बातें सच हो सकती हैं और कई गलत भी.

गंभीरता और मौत का अनुमान लगाना मुश्किल

भ्रमर मुखर्जी ने कहा कि भारत में ओमिक्रॉन संक्रमण की गंभीरता और मृत्यु दर का अनुमान लगाना काफी मुश्किल है, क्योंकि यहां के अस्पताल में भर्ती होने के सही आंकड़े और यहां तक ​​कि मृत्यु दर के आंकड़े भी नहीं हैं. हम अमेरिका में भी देखते हैं कि वहां पर मौत के आंकड़ों में इजाफा ओमिक्रॉन और डेल्टा से ही नहीं बल्कि खराब स्वास्थ्य सेवाओं के कारण भी बढ़ा है.

देश को लॉकडाउन से बचा सकते हैं

डॉक्टर भ्रमर मुखर्जी कहती हैं कि ओमिक्रॉन से सुरक्षित रहने के लिए क्या उपाय अपनाने चाहिए, इस बारे में लोग काफी भ्रमित हैं. भले ही ओमिक्रॉन इतना खतरनाक नहीं है, लेकिन अगर इस खतरे को लेकर सुरक्षित नहीं रहा गया तो यह बहुत ज्यादा फैलेगा और अपना विशाल रूप दिखाएगा. 

Advertisement

इससे सिर्फ हेल्थ सेक्टर ही नहीं बल्कि हर सेक्टर प्रभावित होगा. भारत की आबादी को देखते हुए यह नहीं कह सकते कि ओमिक्रॉन हल्का है. भारत समेत अन्य देशों ने संक्रमण के फैलने का इंतजार किया, जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा. इसलिए अगर पहले से ही स्वास्थ्य सेवाओं पर ध्यान दिया जाए तो देश को फिर से लॉकडाउन की तरफ जाने से बचा सकते है. 

वैक्सीनेशन, मास्क और सभी बड़ी रैलियों और सभाओं से बचकर ही इस संक्रमण से सुरक्षित रहा जा सकता है. लेकिन अगर अभी भी इस वैरिएंट को अधिक खतरनाक न मानते हुए, सभी नियमो को ताक पर रखेंगे, तो जाहिर सी बात है यह भीषण रूप ले लेगा.

खतरा दोनों जगह है 

ओमिक्रॉन को माइल्ड और कम खतरनाक बताए जाने को लेकर मुखर्जी ने कहा, वैक्सीन के कारण मौत के आंकड़े और अस्पताल में भर्ती होने की संख्या को कम किया जा सकता है. लेकिन इस खतरे के दो हिस्से हैं. पहला यह कि अगर आप संक्रमित होते हैं तो कितना गंभीर रूप से बीमार पड़ते हैं और दूसरा यह कि आप इससे संक्रमित होते हैं या नहीं?   

लोग सिर्फ पहले खतरे पर ही ध्यान दे रहे हैं. सभी लोग संक्रमण के तेजी से बढ़ने को भूल रहे हैं, जब कि खतरा दोनों जगह है. जब लोगों की जिंदगी और हॉस्पिटल्स की सुविधाओं की बात आती है तो संक्रमण की दर मायने रखती है, लेकिन यह नहीं भूलना है कि कुल संक्रमितों की संख्या भी अहम है.

Advertisement

मैं सरकार में होती तो सख्ती के साथ नियम बनाती : भ्रमर मुखर्जी

कई एक्सपर्ट ने कहा है कि 10-15 दिन पहले ही देश में कोरोना की तीसरी लहर आ चुकी है, इस बात पर भ्रमर मुखर्जी कहती हैं कि दिसंबर में ही ओमिक्रॉन की पहचान हो गई थी और अगर मैं सरकार में होती तो उसी समय मास्क लगाने और बूस्टर डोज लगाने को लेकर सख्त नियम बनाती. 

Advertisement
Advertisement